अभी हाल ही की बात करें तो उन्होंने हरिद्वार में हाल ही में आयोजित धर्म संसद को लेकर सवाल उठाया और कहा कि 20 करोड़ लोग यूं ही हार नहीं मान जाएंगे, बल्कि अपने अधिकारों के लिए लड़ेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के आयोजनों से देश में गृह युद्ध का खतरा पैदा होता है, जिसकी परवाह मौजूदा सरकार नहीं कर रही है। उनके इस बयान पर भी चैनलों और सोशल प्लेटफॉर्म पर जंग छिड़ गई है।
उन्होंने कहा था कि ये जो तमाशा चल रहा है इससे समाज को बांटा जा रहा है। जिन्होंने इस शब्द को गढ़ा है उन्हें जिहाद शब्द का मतलब बिल्कुल भी नहीं पता है। मुझे नहीं लगता कि कोई भी इस बात को मानेगा कि एक दिन मुस्लिम की आबादी हिंदुओं से ज्यादा हो जाएगी। नसीर का ये बयान काफी विवाद में रहा था।
अनुपम खेर जैसे किसी मुखर व्यक्ति को गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है। वो जोकर हैं। NSD और FTII में अनुपम खेर के समय के कितने लोग उनके चापलूस होने की बात बता सकते हैं। ये उनके खून में है, वो इसका कुछ नहीं कर सकते।