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जब रजनीकांत को भिखारी समझ महिला ने थमा दिए थे 10 रुपए, उसके बाद जो हुआ वो हैरान करने वाला था

साल 2007 में आई थी ‘शिवाजी’ ने बॉक्स ऑफिस पर कमाई का नया रिकॉर्ड बनाया था। जिसके बाद रजनीकांत फिल्म की अपार सफलता से खुश होकर अपने साथियों के साथ मंदिर चले गए।

Oct 25, 2021 / 06:27 pm

Archana Pandey

Rajinikanth

नई दिल्ली: 67वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार (National Film Awards) समारोह में सुपरस्टार रजनीकांत (Rajinikanth) को प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के अवॉर्ड (Dadasaheb Phalke Award) से सम्मानित किया गया। अभिनेता को फिल्म इंडस्ट्री में पांच दशकों से उनके शानदार योगदान के लिए ये अवॉर्ड दिया गया। ऐसे में आज हम आपको रजनीकांत से जुड़ा वो किस्सा (Story related Rajinikanth) बता रहे हैं, जिसे जानकर आप हैरान भी रहे जाएंगे और आपको रजनीकांत की अच्छाई का भी पता चलेगा।
अपने साथियों के साथ मंदिर गए

दरअसल एक बार एक औरत ने रजनीकांत को भिखारी समझ लिया था। अब को भला ‘तलैवर’ नाम से मशहूर रजनीकांत को कोई भिखारी समझ सकता है। इस पर शायद आपको विश्वास न हो लेकिन ये सच हैं। ऐसा करीब 14 साल पहले..साल 2007 में हुआ था। इस साल रजनीकांत की एक फिल्म आई थी ‘शिवाजी’। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर कमाई का नया रिकॉर्ड बनाया था। जिस तरह लोग फिल्म सक्सेस पार्टी रखते हैं, उसी तरह रजनीकांत भी फिल्म की अपार सफलता से खुश होकर अपने साथियों के साथ मंदिर चले गए।
बूढ़े आदमी का गेटआप दिया

मंदिर में कोई पहचान न ले, इसलिए रजनीकांत ने अपना हुलिया बदल लिया। सिक्योरिटी टीम जानती थी कि रजनीकांत को अगर कोई भी पहचान लेगा तो भीड़ को नियंत्रित कर पाना कठिन होगा। इसलिए मेकअप आर्टिस्ट ने इस सुपरस्टार को एक बूढ़े आदमी का गेटआप दिया।
जब रजनीकांत साधारण कपड़े पहनकर मंदिर की सीढ़ियां चढ़ रहे थे। तब उनके साथ एक महिला भी सीढ़ियां चढ़ रही थी। महिला ने जब उन्हें देखा तो उसे लगा कि कोई कमजोर बुजुर्ग आदमी है और हालत भी ठीक नहीं है। महिला ने रजनीकांत को भिखारी समझ उनके हाथ में दस रुपए का एक नोट थमा दिया।
बिना कुछ कहे चुपचाप नोट रख लिया

इसके बाद जो हुआ वो आप सोच भी नहीं सकते हैं। रजनीकांत ने बिना कुछ कहे चुपचाप नोट रख लिया और मंदिर में भगवान के दर्शन किए। इस दौरान उन्होंने अपनी जेब से पर्स निकाला और उसमें जितने पैसे थे सभी निकाल कर भगवान के चरणों में रख दिए। वहां खड़ी महिला भी यह सब देख रही थी। फिर जब उसने गौर से रजनीकांत की तरफ देखा तो वह उन्हें पहचान गई।
जब रजनीकांत दर्शन कर बाहर निकले तो वो भागकर उनके पास पहुंची और उनसे माफी मांगी। उस महिला ने कहा, मुझसे भूल हो गई, मेरे दस रुपए मुझे वापस कर दीजिए। इस पर रजनीकांत ने कहा आपके दस रुपए मेरे लिए भगवान के आशीर्वाद की तरह हैं। आप केवल मुझ पर अपना प्यार और आशीर्वाद बनाए रखें।
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