विक्रांत मैसी ने कहा, ‘मैं किसी की तरफ से बातचीत नहीं कर सकता क्योंकि यह एक बहुत ही संवेदनशील मुद्दा रहा है। एक कलाकार होने के नाते, जिसकी फिल्म को रिलीज होने में कुछ ही समय बचा हो, ऐसे में वह सिर्फ और सिर्फ दीपिका का उठाया हुआ कदम था। एक दोस्त के रूप में मैं दीपिका को अच्छे से जानता हूं और उन्होंने उस समय जो भी कदम उठाया, मुझे उस पर गर्व है। विक्रांत ने आगे कहा कि सच तो ये हैं कि उस समय हम सभी एक ही भाषा बोल रहे थे, लेकिन सिर्फ दीपिका ने हिम्मत दिखाई।’
हालांकि दीपिका के जेएनयू (Deepika Padukone JNU) जाने के बाद उनकी छपाक पर काफी प्रभाव पड़ा। कमाई के मामले में फिल्म पाछे रह गई। इस पर भी बात करते हुए विक्रांत मैसी ने कहा कि ‘यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण हुआ क्योंकि हमने जो फिल्म में मुद्दा उठाया था वह बहुत ही बड़ा था। फिल्म में हम एक ऐसे मुद्दे के बारे में बात कर रहे थे जोकि देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए किसी महामारी से कम नहीं है। लेकिन दीपिका जेएनयू जाने के बाद पूरी कहानी ही बदल गई।’
आपको बता दें कि देश में नागरिकता संशोधन बिल (citizenship amendment act) को लेकर प्रदर्शन हो रहे थे और उस वक्त दीपिका ‘छपाक’ (Chhapaak) के प्रमोशन में व्यस्त थीं। जिसके बाद एक दिन वह जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में जाकर उन प्रदर्शनकारियों के साथ खड़ी नजर आईं। उनके इस कदम के बाद बहुत लोगों ने उनकी फिल्म को बायकॉट कर दिया। जिसके बाद दीपिका की फिल्म बॉक्स ऑफिस पर चल नहीं पाई।