इसके बाद प्रदीप ने विनोद को एक नए लुक पर काम करने को कहा। उस वक्त कई बड़ी-बड़ी अभिनेत्रियां ऑडिशन दे रही थीं और उन्हें किरदार के लिए कॉल भी किया जा रहा था! मुझे आज भी याद है कि 75वीं बार रिजेक्ट होने के बाद मुंबई में ब्रायन एडम्स का एक कॉन्सर्ट चल रहा था और उसने मुझे कहा कि वह वहां जा रही है। उस वक्त प्रदीप ने कहा कि चलो एक आखिरी ऑडिशन ले लेते हैं और करीब 3:30 बजे उसने तुंरत आकर इस विश्वास के साथ टेस्ट दिया कि अबकी बार होगा ही और टेस्ट के बाद वह कॉन्सर्ट के लिए रवाना हो गई।
वह आगे कहते हैं, इसके बाद के हिस्से का मैं गवाह बना क्योंकि मैं वहां अपने गीत पिया बोले को पेश करने लिए गया था। गाना बज रहा था, सब कुछ ठीक चल रहा था। अचानक प्रदीप ने अपना लैपटॉप खोला और विनोद को बताया कि एक और टेस्ट लेना होगा। विनोद ने लैपटॉप की ओर देखा और कहा कि उन्हें आखिरकार परिणीता मिल गई है। अब बारी कॉन्सर्ट से विद्या को कॉल कर इसके बारे में बताने की थी। प्रदीप विद्या को कॉल कर रहे थे, लेकिन वह फोन को स्विच ऑफ करने का सोच रही थी शायद इसलिए क्योंकि उसे लगा होगा कि यह उसके रिजेक्शन के बारे में है। फिर किसी ने उसे टेक्स्ट किया – दोस्त इंतजार खत्म हुआ, तुम ही परिणीता हो। मुझे लगता है कि इस मैसेज को पाकर वह बाहर आकर रो रही होगी। वह घुटने पर बैठकर रो रही थी क्योंकि उसे किरदार मिल चुका था। फिल्म के बाद वह एक बेहतरीन अभिनेत्री, एक सशक्त महिला बन गईं, लेकिन 75 बाद रिजेक्ट होने के बाद भी मैंने उसे कभी कमजोर नहीं पाया।