देशभक्ति के रंग में डूबे ‘वंदेमातरम’ गीत को बॉलीवुड ने दिए कई रंग
•Aug 14, 2018 / 06:30 pm•
Rahul Yadav
भारत इस साल अपनी आजादी का 71वां जश्न मना रहा है। राष्ट्रगान के अलावा हर साल की तरह एक और गीत 'वंदेमातरम' भारतवासियों के दिलों, दिमाग और जुबान पर छाया रहता है। समय के साथ इस गीत पर बॉलीवुड का रंग ऐसा चढ़ा कि लोग अपने आप को धीरे-धीरे उसी रंग में रंगना शुरू हो गए। मुख्य रूप से इस गीत को बंगाली भाषा में बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने लिखा जिसके बाद इसमें धीरे -धीरे बदलाव देखा गया। सबसे पहले 'वंदे मातरम' गीत को साल 1952 में आई फिल्म 'आनंद मठ' में लता मंगेशकर ने गाया जिसकी धुन को एक नए धागे में हेमंत कुमार ने पिरोया।
इसके बाद सुरों की मलिका लता मंगेशकर ने साल 1998 में अपनी आवाज में एक बार फिर से इस गीत को नया आयाम दिया। उन्होंने इस गाने में कुछ लाइनों को जोड़ा और उसी धुन को अपनाते हुए खूबसूरत अंदाज में गाया।
दिलचस्प बात ये है कि इस गीत का खुमार लोगों के सिर पर ऐसे चढ़कर बोला कि हर नया वर्जन पहले गाने की तरह ही फेमस हुआ। हर साल इस गाने के बोल सहित आवाज और धुन में भले ही बदलाव होते गए लेकिन इस गाने में देशभक्ति का जोश कभी भी कम नहीं हुआ।
साल 1951 से लेकर 2012 तक इस गाने की धुनों पर बॉलीवुड के कई गायकों का जादू चला इसमें सोनू निगम, सुनिधि चौहान और शंकर महादेवन का नाम शामिल है लेकिन इन सबके ऊपर ए आर रहमान का 'मां तुझे सलाम' गाना सबके ऊपर कहीं न कहीं भारी पड़ा।
ए आर रहमान की आवाज के जादू ने 'मां तुझे सलाम' गाने में अपना ऐसा जलवा बिखेरा कि लोग आज भी इस गाने को सुनते हैं तो उनमें देशभक्ति जाग जाती है। इस गाने को उन्होंने साल 1997 में अपने अलग ही अंदाज में गाया था।
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