
उज्ज्वल ने कहा, ‘मुझसे कई साल से अपने जीवन पर किताब लिखने या फिल्म बनाने के बारे में कहा जा रहा है। मैं अनिच्छुक था क्योंकि मेरे मुवक्किलों के प्रति मेरी बड़ी जिम्मेदारी है। लेकिन इस प्रतिभावान टीम के साथ जुड़ने पर मैं सहमत हूं क्योंकि मुझे यकीन है कि वे ऐसी कहानी कहेंगे जो आशा है लोगों को प्रेरित करेगी और जिसके लिए हमने लड़ाई लड़ी है, उसके प्रति न्याय करेगी।’

सरकारी वकील उज्ज्वल निकम को 2016 में भारत सरकार की ओर से पद्मश्री सम्मान से भी नवाजा गया था। उज्ज्वल निकम का करियर 30 साल का है। इस दौरान उन्होंने कई केस लड़े और 628 दोषियों को उम्रकैद व 37 दोषियों को फांसी की सजा दिलवाई। उन्हें सरकार की ओर से जेड प्लस सुरक्षा मिली हुई है।