एक हसीना थी (ek haseena thi )
श्रीराम राघवन की डायरेक्शन में बनी फिल्म ‘ एक हसीना थी ‘ की कहानी एक ऐसी महिला के बारे में है जो यूं तो चूहों से भी काफी डरती है लेकिन एक शख्स के संपर्क में आने के बाद कुछ ऐसी स्थितियां बनती हैं कि महिला को बिना किसी गलती के जेल जाना पड़ता है। जेल में जाकर इस महिला की जिंदगी बदल जाती है और बाहर आने के बाद उसका केवल एक ही मकसद होता है और वो होता है बदला लेना।
कौन ( kaun )
रामगोपाल वर्मा की यह बहुत छोटी सी फिल्म थी। इसकी कहानी एक लड़की की है जो अपने घर में अकेली है और अपने पैरेंट्स का इंतजार कर रही है। हालांकि फिल्म में ट्विस्ट तब आता है जब एक शख्स यानि मनोज वाजपेई इस लड़की के घर में घुसने का प्रयत्न करने लगता है। फिल्म के क्लाइमैक्स में इस्तेमाल किया गया ट्विस्ट दर्शकों के रोंगटे खड़े कर देने की क्षमता रखता है।
दृश्यम (drishyam )
निशिकांत कामत द्वारा डायरेक्ट की गई इस फिल्म में अजय देवगन, श्रिया सरन और तब्बू ने अहम भूमिका निभाई है। ये एक ऐसे शख्स की कहानी है जो न्याय और सत्य में विश्वास रखता है लेकिन किसी कारणवश उसे अपनी फैमिली को बचाने के लिए एक जटिल झूठ बोलना पड़ता है। दक्षिण फिल्म का रीमेक ये फिल्म दर्शकों को काफी पसंद आई थी।
अग्ली ( Ugly )
अनुराग कश्यप की फिल्म ‘ अग्ली ‘ भारत की बेहतरीन साइकोलॉजिकल थ्रिलर फिल्मों में से एक है। यह एक स्ट्रग्लिंग एक्टर की कहानी है जिसकी 10 साल की बेटी गाड़ी में अपने पिता का इंतजार करते हुए गायब हो जाती है। संघर्ष करता एक्टर और उसका दोस्त, फिल्म में ऐसे कैरेक्टर्स हैं जिन्होंने शानदार काम किया। लेकिन फिल्म दर्शकों को अंत तक बांध कर रखती है और इसका क्लाइमैक्स परेशान कर देता है।
टेबल नं. 21 ( table no. 21 )
ये फिल्म एक ऐसे कपल की कहानी होती है जोबारे में है जो फिजी आइलैंड में पेड वेकेशन जीतने में कामयाब रहता है। हालांकि कहानी में ट्विस्ट तब आता है जब इन्हें एक ऐसे गेम शो में हिस्सा लेने को कहा जाता है जिसमें आपको सच बोलना ही होगा। यह फिल्म आज भी रोंगटे खड़े कर देती है।