किशोर कुमार (Kishore Kumar) बॉलीवुड का वो सितारा रहा है जिसनें ना सिर्फ अपनी एक्टिंग के बल पर लोगों को गुदगुदाया, बल्कि की बड़े सितारों की आवाज बनकर फिल्म को संवारने की कोशिश करते रहे हैं। घर में सभी भाई बॉलीवुड के बड़े सितारे रहे है जिसमें से अशोक कुमार (Ashok Kumar) को भला कौन नही जानता। अशोक कुमार बॉलीवुड में एक स्थापित नाम थे। और अपने नाम की तरह वो किशोर कुमार को भी एक बड़ी पहचान देना चाहते थे लेकिन किशोर कुमार को अभिनय का शौक कतई नही था। अशोक कुमार की जिद के बाद उन्होंने फिल्मों में काम करना शुरू किया।
डायलॉग भूल जाते थे
किशोर कुमार (Kishore Kumar first film) ने 1946 में आई शिकारी फिल्म से अपनी करियर की शुरुआत की थी। लेकिन इस फिल्म की शूटिंग के दौरान वो अक्सर डायलॉग भूल जाते थे। जिससे अशोक कुमार की डांट-फटकार के बाद उन्होंने किसी तरह इस फिल्म को पूरी की। इसके बाद उनका (Kishore Kumar song) शौक गायकी पर जागा। और उन्होंने पहली बार जब देवानंद के लिए गाना गाया तो हर कोई उनकी आवाज सुनकर हैरान ही रह गया। उनकी पहली फिल्म के गाने के बोल थे “मरने की दुआएं क्यूँ मांगू, जीने की तमन्ना कौन करे.’ इसके बाद किशोर कुमार ने फिर कभी मुड़कर पीछे की ओर नहीं देखा।
कई बड़े कलाकारों की आवाज बने किशोर कुमार
एक के बाद एक (Kishore Kumar film) कई फिल्मों के गाने गाकर वो बॉलीवुड के महान कलाकार रहे राजेश खन्ना, शशि कपूर, देव आनंद, और अमिताभ बच्चन जैसे कलाकारों की आवाज़ बन गए। फिल्मों में किशोर कुमार को रोमांटिक, चुलबुली आवाज के नाम से जाना जाता था।
किशोर कुमार का सपना नहीं हो पाया पूरा
म.प्र. में जन्मे किशोर कुमार को अपनी जन्मभूमि खंडवा से काफी लगाव था। वो फिल्मों को अलविदा कहने के बाद अपनी धरती पर वापस लौटना चाहते थे। लेकिन किशोर कुमार का यह सपना पूरा नहीं हो पाया। उनके मौत को बाद से खंडवा के लोग भी अपने चहेते एक्टर के अवशेष को संग्रहालय में तब्दील करने की सरकार से मांग कर रहे हैं, ताकि किशोर दा की की स्मृतियों को यहां हमेशा के लिए सहेज कर रखा जा सके।