सीरीज में हर एक एक्टर ने अपने किरदार को निभाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। सीरीज में हर किरदार को देखने के बाद ऐसा लगता है कि हर किसी के साथ एक रहस्य छूपा है, जो आखिर में खत्म होता है। इसलिए ये सीरीज लोगों को बांधे रखती है।
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आत्माओं के कब्जे में राजस्थान का एक गांव
सीरीज की कहानी में टिस्का एक आईएएस अफसर अवनी रावत चोपड़ा के किरदार में नजर आएंगी, जिसपर कुछ आरोपों के साथ ये भी आरोप लगा है कि उसने अपने पति को आत्महत्या के लिए मजबूर किया था। अपने कलेक्टर का पद का काम संभालने के लिए अवनी अपनी पोस्टिंग राजस्थान के दूर-दराज के एक गांव ‘शिलासपुरा’ में लेती है, जो कई तरह के रहस्यों से भरा पड़ा है। वहीं सैटेलाइट का दावा है कि इस रहस्यमय गांव की जमीन के नीचे कुछ बेहद कीमती खनिज और रसायन हैं, जो मेडिकल साइंस की दुनिया में काफी बदलाव ला सकते हैं।
ऐसे में अगर वहां खुदाई शुरू हो जाती है तो इससे गांव के लोगों का भी भला हो सकता है, लेकिन गांव के लोग वहां की एक राजा-रानी वाले इतिहास को मावते हैं, जिनका कहना है कि इस जमीन पर आत्माओं का कब्जा है और यहां के लोग वहां सिर्फ किरायेदार हैं। गांव में एक शिला भी है, जिसकी मान्यता है कि शिला के अंदर एक मायावी (राक्षस) कैद है। अगर वो छूट गया तो गांव में तबाही आ सकती है। वहां लोगों पर बाबा का कब्जा होता है, जो किसी के भी शरीर में घूस जाता है, जिसको निकाले का काम सौरभी शुक्ला एक पंडित के तौर पर करते हैं। साथ ही उन्होंने शिला की पूजा और व्यवस्था को संभाल के काम भी करते हैं।
सचमुच शक्ति या फिर षड्यंत्र और धोखा
‘दहन’ सीरीज के सार ही एपिसोड अपने आप में काफी रोचक हैं। सीरीज के हर एपिसोड के हर किरदारों की अपनी कहानियां है, जो सीरीज की कहानी के समानांतर चलती रहती है। यहां सभी किरदार अपने आप में काफी मुख्यता रखते हैं। जैसे अवनी के बेटे रोहन जोशी को इस गांव की रहस्यमय कहानियों में खासा रोमांच आता है और वो इसके बारे में और ज्याजा जानने की इच्छा रखता है। इसके अलावा अवनी का दोस्त अंकुर नैयर हैं, जो उनकी कुछ बातों से सहमत होता है तो कुछ के लिए अपनी असहमती भी जताती है।
गांव के पुलिसवाले, जो भैरों सिंह और परिमल सिंह हैं, जो बात पर बात अपना गुस्सा जाहिर करने से पीछ नहीं हटते। सीरीज का हर एपिसोड कई तरह के टर्न और ट्विस्ट से भरा हुआ है। हर एपिसोड में कहानी रंग बदलती रहती है और नई चीजें दर्शकों के सामने खुलती हैं, लेकिन ये रहस्य सच है या इसके पीछे किसी का षड्यंत्र है इसका पता लगाना पाना काफी मुश्किल सा लगता है। ये एक सवाल हर एपिसोड में दर्शक के साथ-साथ चलता रहता है।
क्या है मायावी का रहस्य?
शिलासपुरा में माइनिंग तो शुरू होती है, लेकिन इसके साथ कुछ लोगों की ही नहीं, बल्कि नदी में ढेरी सारी मछलियों और आसमान में पंछियों की मौतें भी होती हैं! इन सभी मौतों का क्या कनेक्शन है? मायावी के रहस्य के साथ इसका क्या संबंध है? इस तरह के सवालों का जवाब आपको सीरीज से ही मिलेगा।
अवनी क्यों अपने अतीत से परेशान जो किसी न किसी माध्यम से उसके सामने आता है और औधल हो जाता है। क्या इसमें भी कोई रहस्य छूपा है? प्रकृति और उसके रहस्य सामने आते हैं। इस सीरीज की कहानी के क्लाइमेक्स तक कई नई परतें पेश करती है।
एंटरटेनमेंट का आधार
निर्देशक विक्रांत पवार और उनके राइटरों की टीम ने बढ़िया काम किया है। सीरीज में आपको काफी अच्छा VFX देखने को मिल सकता है, जो दर्शकों को पंसद भी आ सकता है। इस सीरीज की कहानी के लिए एक कहावत है कि ‘मानो तो सब, न मानो तो कुछ नहीं’।
ऐसा ही सीरीज के इस रहस्मय गावं शिलासपुरा की कहानी है, जो काफी एंटरटेन तो करती हैं, लेकिन साथ में कई सवाल भी छोड़त जाती है। कहानी को काफी अच्छी तरह से पेश किया है। किरदार अपने रंग में रंगे नजर आ रहे हैं। कैमरा का काम काफी सजकता से किया गया साफ नजर आता है।