प्रेम चोपड़ा ने लगभग 380 फिल्में की है और हर फिल्म में अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया है। उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में नाम और शौहरत दोनों कमाई है। बेशक फिल्मों में वो विलन का किरदार निभाते रहे हों, लेकिन उनका सपना हमेशा से हीरो बनना था। हालांकि उनके माता पिता उन्हें डॉक्टर या आईएएस ऑफिसर बनाना चाहते थे।
प्रेम चोपड़ा ने एक इंटरव्यू में कहा था, “बाकी एक्टर्स की तरह मैं भी शुरुआत में हीरो बनना चाहता था। कुछ पंजाबी फिल्मों में मैंने बतौर हीरो काम भी किया और वे पसंद भी की गईं, लेकिन हिंदी सिनेमा में मैंने जिन फिल्मों हीरो या सेंट्रल कैरेक्टर के तौर पर काम किया, वे फ्लॉप रहीं। अगर आपकी फिल्में फ्लॉप हो रही हैं तो इंडस्ट्री में ज्यादा मौके नहीं मिलते। मुझे निगेटिव रोल ऑफर हुए और मैंने उन्हें स्वीकार किया। दिलचस्प बात यह है कि इन रोल्स का जादू ऑडियंस पर चल निकला।”
उन्हें फिल्म ‘वो कौन थी?’ में विलेन का रोल ऑफर हुआ। इस ऑफर को प्रेम चोपड़ा ने स्वीकार कर लिया। फिल्म ‘वो कौन थी?’ साल 1964 की सबसे बड़ी हिट फिल्म साबित हुई और दर्शकों ने विलेन के किरदार में प्रेम चोपड़ा को काफी पसंद किया। फिर एक दिन किसी दूसरी फिल्म की शूटिंग करते हुए महबूब खान प्रेम चोपड़ा से मिले। प्रेम चोपड़ा से मिलने के बाद महबूब खान ने उन्हें डांटा और कहा कि उन्होंने सब कुछ खराब कर दिया।
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उन्होंने कहा की तुमने फिल्म ‘वो कौन थी?’ में इतना अच्छा विलेन का किरदार निभाया है कि वो दर्शकों के दिलों पर छप गई है। अब तुम यही करो, इससे बेहतर और कुछ नहीं हो सकता। इसके बाद से प्रेम चोपड़ा फिल्मों में विलेन के किरदार करने शुरू कर दिए।
प्रेम चोपड़ा ने ‘शहीद’, ‘उपकार’, ‘पूरब और पश्चिम’, ‘दो रास्ते’, ‘कटी पतंग’, ‘दो अनजाने’, ‘जादू टोना’, ‘काला सोना’, ‘दोस्ताना’, ‘क्रांति’, ‘फूल बने अंगारे’ जैसी फिल्मों में काम किया है, जिनके लिए वो हमेशा याद किए जाएंगे।
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