वहीं महमूद के स्ट्रगल करने के दौरान एक बार शूटिंग सेट पर अभिनेत्री मधुबाला के सामने एक जूनियर कलाकार अपने डायलॉग भूल गया था। जिसे वो दस टेक के बाद भी नहीं बोल पाया लेकिन महमूद ने इसे एक ही टेक में बोल दिया। निर्देशक हीरा सिंह इससे बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने महमूद को इस काम के लिए 300 रुपये मिले जबकि एक ड्राईवर के रूप में उन्हें 75 रुपये मिलते थे। इसके बाद महमूद ने ड्राईवरी छोड़ एक जूनियर आर्टिस्ट के तौर पर फिल्म ‘सी.आई.डी.’, ‘दो बीघा जमीन’, ‘जागृति’ और प्यासा जैसी फिल्मों में काम किया लेकिन उनकी इन फिल्मों को ज्यादा अच्छा रिपॉन्स नहीं मिला।वहीं कई फिल्मों के असफल होने के बाद महमूद की जिंदगी की दो बड़ी फिल्में आईंं ‘परविश’ और ‘पड़ोसन’। परविश में महमूद ने राजकपूर के भाई का किरदार निभाया था और दूसरी फिल्म में पड़ोसन में उनका गाना एक चतुर नार ने अपनी एक अलग ही पहचान बना ली। इतने समय बीत जाने के बाद भी लोग को ये गाना मुंह जुबानी याद है।
मशहूर कॉमेडियन महमूद की लवस्टोरी किसी फिल्म की लवस्टोरी से कम नहीं थी। खूबसूरत और बेहद प्रतिभाशाली महमूद उस समय की मशहूर अभिनेत्री मीना कुमारी की बहन मधु से प्यार कर बैठे थे। दरअसल महमूद मीना कुमारी की बहन को उन दिनों टेनिस सिखाया करते थे और इसी दौरान दोनों के बीच प्यार हो गया। ये बात यहां तक आ पहुंची कि वह दोनों एक दूसरे से शादी करने की सोचने लगे। लेकिन उनकी मां को ये रिश्ता मंजूर नहीं था। घर में तनाव बढ़ा तो मधु अपना घर छोड़कर महमूद के यहां रहने आ गई अपने प्यार को पाने की खातिर महमूद ने मां को मनाने के लिए झूठ का सहारा लिया। मां से कहा कि मधु प्रेग्नेंट है अगर उनकी शादी नहीं हुई तो वो अपनी जान दे देगी।
आज के महानायक अमिताभ के जीवन को राह दिखाने में महमूद का सबसे बड़ा हाथ है। जब अमिताभ मुंबई शहर आए थे तो उन्हें महमूद ने रहने के लिए जगह दी थी। महमूद पहले प्रोड्यूसर थे जिन्होंने अमिताभ बच्चन को फिल्म ‘बॉम्बे टू गोवा’ में लीड रोल दिया था । अमिताभ के जीवन में एक दौर ऐसा भी आया था जब उनकी सारी फिल्में फ्लॉप हो रही थी तो उस दौरान महमूद ने ही मदद की थी। लेकिन एक दौर ऐसा आया जब महमूद और अमिताभ के रिश्तें के बीच कड़वाहट आ गई थी।
एक इंटरव्यू में महमूद ने अमिताभ बच्चन के बारें में बात करते हुए कहा था, ‘आज मेरे बेटे यानी की अमिताभ बच्चन के पास फिल्मों की लाइन लगी है। जिस आदमी के पास सक्सेस होती है उसे दो पिता होते हैं और एक जिसने पैदा किया और दूसरा जिसने सफलता की ऊंचाई तक पहुंचाया। मैंने उनकी काफी मदद की। पैदा करने वाले हरिवंशराय बच्चन साहब है और पैसा कमाना मैंने सिखाया। मैंने घर में रहने की जगह दी.’उन्होंने आगे बताया था,’ एक वक्त मेरी ओपन हार्ट सर्जरी हुई थी, उससे एक हफ्ते पहले उनके पिता गिर गये थे मैं उन्हें देखने के लिए अमिताभ के घर गया। इसके एक हफ्ते बाद मेरी ओपन हार्ट सर्जरी हुई थी। अमिताभ भी अपने पिता को लेकर ब्रीच कैंडी अस्पताल आये थे। मैं भी इसी अस्पताल में था लेकिन वो मुझसे मिलने भी नहीं आया। अमिताभ ने दिखा दिया कि असली बाप असली बाप होता है और नकली बाप नकली। वो जानता था कि मैं इसी अस्पताल में हूं। हालांकि मैंने उसे माफ कर दिया.’ कहा जाता है कि बाद में दोनों ने गिले-शिकवे दूर कर लिये थे।