गजराज गैंग से उतरा जुर्म की दुनिया मेंं
प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी ने जौनपुर के गजराज सिंह की गैंग में शामिल होने से पहले कई अपराध किए, जिसमें हत्या भी शामिल हैं। मुन्ना ने पांचवीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी। गजराज गैंग के बाद उसने मुख्तार अंसारी ( Mukhtar Ansari ) का हाथ थामा। 1990 के इस दौर में वह अंसारी का खास बन गया। अंसारी गैंग का पूरे पूर्वी उत्तर प्रदेश में दबदबा था। गाजीपुर के मोहम्मदाबाद से भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की मुन्ना ने दिन दहाड़े हत्या कर दी थी। उसने और उसके साथियों ने 6 एके-47 से करीब 400 गोलियां राय पर दाग दीं थीं। इस हमले में कृष्णानंद के अलावा उनके साथ चल रहे 6 लोग मारे गए। पोस्टमार्टम में हर मृतक की बॉडी से 60 से 100 गोलियां निकालीं गईं।
मुंबई में आया पकड़ में
रिपोर्ट्स के अनुसार, मुन्ना, राय की हत्या के बाद मुंबई शिफ्ट हो गया था। कई मामलों में वांछित मुन्ना को मुंबई और दिल्ली पुलिस ने मलाड इलाके से 2009 में गिरफ्तार किया। मुन्ना पर कई हत्याओं, अपहरण, फिरौती के आरोप थे। आपराधिक मामलों में आरोपी मुन्ना पर यूपी पुलिस ने 7 लाख रुपए का ईनाम घोषित कर रखा था।2012 में उसने जेल से अपना दल पार्टी के टिकट पर जौनपुर के एक विधानसभा क्षेत्र से चुनाव भी लड़ा।
जेल में दूसरे कैदी ने की मुन्ना की हत्या
मुन्ना के आपराधिक गैंग और राजनेताओं से संबंध के चलते कई बार एक जेल से दूसरी जेल शिफ्ट किया गया। जुलाई, 2018 में बागपत जेल में बंद एक दूसरे कैदी सुनील राठी ने गोली मारकर हत्या कर दी। हत्या के एक दिन पहले ही मुन्ना को बागपत जेल में शिफ्ट किया गया था। आरोप है कि यह एक योजना बनाकर की गई हत्या थी। इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है।
बागपत जेल में मुन्ना की हत्या पर एडीजी जेल ने कहा था कि सुनील राठी को पकड़ लिया गया है और पूछताछ की जा रही है। जेलर, डिप्टी जेलर, वॉर्डन और हैड वॉर्डन को निलंबित कर दिया गया।
मुन्ना की पत्नी सीमा सिंह ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को संबोधित करते हुए 29 जून 2018 को कहा था कि उनके फर्जी एनकाउंटर का षड़यंत्र रचा जा रहा है। उनके पति का जीवन खतरे में है।