डायरेक्टर वेंकट भारद्वाज अवॉर्ड विनिंग फिल्म मेकर हैं इनकी 2017 में फिल्म केम्पिरवे कर्नाटक स्टेट फिल्म अवार्ड में बेस्ट स्क्रीनप्ले केटेगरी में विजई रही थी, इन्होंने पेंटर की शूटिंग 10 दिनों में की है, यह फिल्म पांच अलग-अलग इनडोर लोकशन्स चेन्नई , तुमकुर, बेंगलुरु, कनकपुरा और हेबल में की गई है, यहां शूट की गई फुटेज को एडिटिंग के माध्यम से जोड़कर पूरी फिल्म बनाई गई है।
जानकारी के अनुसार स्क्रिप्ट पर काम अप्रैल की शुरुआत में हुआ था, लेकिन लॉक डाउन की वजह से शूटिंग करना आसान नहीं था, क्योंकि कोई ट्रैवल नहीं कर सकता था, उपकरण जुटाना भी एक समस्या था ,इसलिए निर्देशक ने अपने ग्रुप के साथ मिलकर उपलब्ध लाइट, रोप्स, बैंबू स्टिकस और तारों का इस्तेमाल किया, फिल्म की स्क्रिप्ट ओर डायलॉग सारे कलाकार और फिल्म के टेक्नीशियन के साथ शेयर किया गये, जिन्होंने अपनी अपनी लोकेशन पर रहकर शूट किया, वेंकट के अनुसार फिल्म की कहानी लॉक डाउन की परिस्थितियों के हिसाब से बदलती है, लोग इस दौरान स्वार्थ ,उत्पीड़न और वसूली जैसे मसलों पर कैसे प्रतिक्रिया देते हैं, फिल्म में मर्डर, क्राइम और थ्रिल से जुड़े मसाले भी मौजूद रहेंगे ।
वेंकट ने बताया कि करीब 17 टेक्नीशियन और कलाकारों ने इस प्रोजेक्ट पर काम किया है, जिसमें मेकअप में लाइट बॉय, कॉस्टयूम और आर्ट के लोग थे। उन्होंने बताया कि शूटिंग करना इसलिए भी मजेदार अनुभव रहा, क्योंकि सभी लोग सारे कामों में शामिल थे, अगर एक सीन में 5 लोगों की जरूरत है तो उनमें से चार अपनी पोजीशन ले लिया करते थे, जबकि पांचवा कैमरा और साउंड शुरू करके अपने फ्रेम में चला जाता था , इसके बाद सीन की शूटिंग की जाती थी , फिल्म की अवधि करीब डेढ़ घंटा है जो मई के अंत में रिलीज की जाएगी। द पेंटर का निर्माण ए लेब इनोवेशन अमृता फिल्म सेंटर और शेखर जयराम ने मिलकर किया।