वहीं मूवी के रिलीज होने के उपरांत वहीं आज हम आपको कश्मीरी पंडितों के साथ हुईं उन दास्ताओं के बारे में कुछ बातें करने जा रहे है जिसे सुन आपका कलेजा कांप उठेगा। टीचर गिरिजा टिक्कू और बीके गंजू के साथ सुनने के लिए मिली अमानवीय घटना सुन हर किसी की आंखों में पानी आ जाएगा।
नंदा वशिष्ठ ने कश्मीरी पंडित बीके गंजू के साथ हुई अमानवीय घटना के बारें में भी बताया । सुनंदा वशिष्ठ का कहना है कि बीके गंजू जैसे लोगों को पड़ोसियों पर भरोसा करने के बदले सिर्फ और सिर्फ धोखा मिला। आतंकवादियों ने बीके गंजू को कंटेनर में ही गोली मार दी थी। कश्मीरी पंडित बीके गंजू को गोली मारने के मरने के उपरांत उनकी पत्नी को खून से सने चावल खिलाए थे। वैसे कश्मीर घाटी में हिंदुओं के क़त्ल का सिलसिला 1989 से ही शुरू हो गया था। सबसे पहले पंडित टीका लाल टपलू का क़त्ल हुआ। श्रीनगर में सरेआम टपलू को गोलियों से भूना गया। टीका लाल टपलू कश्मीरी पंडितों के बड़े नेता थे। इसका आरोप जम्मू-कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट के आतंकियों पर लगा लेकिन कभी किसी के विरुद्ध मुकदमा नहीं हुआ।
सुनंदा वशिष्ठ के मुताबिक आतंकियों ने बांदीपोरा की टीचर गिरिजा टिक्कू को पहले अगवा कर लिया गया। आतंकवादियों ने टीचर गिरिजा टिक्कू गैंगरेप किया और उन्हें 2 हिस्सों में काट दिया था। टीचर गिरिजा टिक्कू के साथ ऐसा करने वालों में वो लोग शामिल थे जिन्हें गिरिजा टिक्कू ने पढ़ाया था।