फिल्म के प्रमोशन से लेकर रिलीज तक हर कहीं बस फिल्म की चर्चा हो रही है. अपने एक ऐसे ही इंटरव्यू के बीच विवेक अग्निहोत्री ने अपने बारे में बताया कि कभी वो नक्सलियों के संपर्क में आ गये थे. अपने एक इंटरव्यू में विवेक अग्निहोत्री ने अपने करियर के बारे में बता करते हुए बताया कि ‘कमियों के देखने के चक्कर में हम लोगों की अच्छाइयों को देखना भूल जाते हैं’. विवेक ने आगे कहा कि ‘इस चक्कर में मैं खुद नक्सल बन गया था, जब मैं भोपाल में पढ़ता था तो मैं क्रिएटिव ड्रामा और डिबेट करता था और नक्सल विचारधारा के लोगों के संपर्क में आ गया था’.
उन्होंने बताया कि ‘एक तो ये है कि मार्क्स को पढ़ने के बाद इस तरह के लोग बनते हैं. वहीं दूसरा ये कि हमारे आसपास जो भी दिखे उसे गलत बताओ. युवाओं की जो सोच है उन्हें लगता है कि जो वो सोचते हैं, वही सही है’. विवेक अग्निहोत्री ने बताया कि ‘मानवता की बात करने से नहीं बल्कि मानवता दिखाने से मानवता आती है’. साथ ही प्रधानमंत्री से हुई अपनी मुलाकात को लेकर उन्होंने बताया कि ‘मैंने पीएम मोदी से कहा कि हम अपने सिनेमा को अपने संस्कृति का हिस्सा नहीं मानते. मैं चाहता हूं कश्मीर फाइल्स को सॉफ्ट पॉवर की तरफ इस्तेमाल करूं’.
12 मार्च को निर्देशक विवेक अग्निहोत्री अपनी पत्नी और एक्ट्रेस पल्लवी जोशी और फिल्म के निर्माता अभिषेक अग्रवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. अपनी मुलाकात को लेकर अभिषेक ने बताया कि ‘पीएम ने इस फिल्म की प्रशंसा की’. बता दें कि निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की ये फिल्म साल 1990 में कश्मीर के कश्मीरी पंडितों के पलायन उनके साथ हुई हिंसा पर आधारित है. फिल्म 11 मार्च को रिलीज हुई थी.