
इस अंतर को कम करना है
तापसी देश की उम्दा एक्ट्रेसेस में से एक गिनी जाती हैं, जो आज के सिनेमा को बदलने में भागीदार रही हैं। लेकिन उन्हें बुरा लगता है कि आज भी पुरुष और महिला में अंतर किया जा रहा है। इंडस्ट्री में फीस को लेकर चल रही बहस पर तापसी बताती हैं कि जब मुझे मेरे को- लीड स्टार के मुकाबले 5- 10 प्रतीशत ही फीस मिलती है तो बुरा लगता है। इसलिए मैं बॅाक्स ऑफिस पर हमेशा अच्छा करने की कोशिश करती हूं ताकि इस अंतर को कम कर सकूं। सच कहूं तो हमारी इंडस्ट्री ही नहीं इस तरह का भेदभाव हर इंडस्ट्री में किया जाता है। अब मुझे इसी के लिए लड़ना है। मैं यह नहीं कह रही कि हम ही बेहतर है, लेकिन मुझे समानता चाहिए।

लोगों का नजरिया बदलना होगा
तापसी यही दुआ मागती हैं कि ‘सांड की आंख’ ( saand ki aankh ) फिल्म के बाद से लोगों का नजरिया बदलेगा। वह बताती हैं कि इस फिल्म से हम समानता की ओर बड़े हैं, वरना ऐसी कौनसी विमेन लीड फिल्म है जो दिवाली पर रिलीज हुई है। हमेशा बड़े एक्टर्स दिवाली पर अपनी फिल्में रिलीज करते हैं, वहीं महिलाओं पर आधारित फिल्मों के लिए ऐसी तारीखे चुनी जाती हैं, जो बच जाती हैं।
आज भी हीरो क्रेडिट ले जाते हैं
फिल्म ‘बदला’ ( Badla ) का जिक्र करते हुए तापसी कहती हैं कि इस मूवी में मैंने और अमिताभ बच्चन ( Amitabh Bachchan ) दोनों ने काम किया था, लेकिन सारा क्रेडिट उन्हें मिला। फिल्म में मिस्टर बच्चन से ज्यादा सीन मैंने किए थे। हां वो हीरो थे और मैं विलेन। लेकिन मेरे सीन उनसे कही ज्यादा थे। इसके बावजूद फिल्म हिट होने का पूरा क्रेडिट उन्हें दिया गया।
तापसी आखिर में कहती हैं कि वह फीस की मांग खुद नहीं करेंगी, बल्कि बॅाक्स ऑफिस पर इतना अच्छा परफॅार्म करने की कोशिश करेंगी कि यह अंतर सभी को दिखाई दे और इंडस्ट्री में फीस को लेकर चल रहे भेदभाव को खत्म किया जाए।