हालांकि आउटसाइडर होना ही मेरी मजबूती भी है। इस फील्ड में काफी संघर्ष है जिसका प्रभाव नए लोगों पर पड़ता है। एक्ट्रेस ने बॉलीवुड में बढ़ते नेपोटिज्म के लिए पब्लिक को जिम्मेदार ठहराया है। अगर पब्लिक खुद चाहे तो इंडस्ट्री में परिस्थितियां बदल सकती हैं। इसलिए फिल्म इंडस्ट्री के कुछ लोगों पर आरोप लगाने से बेहतर पब्लिक को खुद इस बारे में सोचना चाहिए। भाई-भतीजावाद पर कंगना रनौत, शेखर सुमन और शेखर कपूर जैसे बड़े कलाकारों ने इस बारे में खुलकर बयान भी दिए हैं। सुशांत के फैन्स में एक बड़े वर्ग का भी मानना है कि बॉलीवुड के कुछ खास लोगों का समूह उनकी मौत का जिम्मेदार है।
तापसी का कहना है कि वह अदाकारा नहीं बनना चाहती थीं। वह एमबीए करना चाहती थीं लेकिन अच्छे नंबर नहीं आ रहे थे। इस वह से वह परेशान थीं और एक्टिंग का हिंट मिला। तापसी ने कहा कि उनके लिए फिल्में केवल गानों तक सीमित थीं। उन्हें डांस का शौक था और इसीलिए वह गाने सुना करती थीं। तापसी पन्नू के पास फिल्मों की लंबी लाइन लगी हुई है। उनकी आने वाली फिल्मों की बता करें तो वह आकर्ष खुराना की ‘रश्मि रॉकेट’, विलीन मैथ्यू की ‘हसींन दिलरुबा’, अनुराग कश्यप की ‘वुमनिया’, गिप्पी ग्रेवाल की ‘ डेयर एण्ड लवली, प्रकाश राज की ‘तड़का’, आकाश भाटिया की ‘लूप लपेटा’ और राहुल ढोलकिया की ‘शाबाश मिठू’ में नजर आएंगी।