खबरों के मुताबिक, सुशांत के पिता ने फिराक जलालपुरी के एक शेर से शुरुआत की और लिखा- ‘तू इधर-उधर की ना बात कर ये बता कि काफिला क्यों लुटा, मुझे रहजनों से गिला नहीं तेरी रहबरी का सवाल है’। उसके बाद उन्होंने बताया कि कैसे कुछ साल पहले उनका परिवार बेहद खुशहाल (Sushant father said we were happy family) था। उन्होंने लिखा- पहले बेटी में ऐसा जादु था कि कोई आया और उसे विदेश लेकर चला गया। दूसरी बेटी ने राष्ट्रीय टीम के लिए क्रिकेट खेला जबकि तीसरी ने लॉ की पढ़ाई की। चौथी बेटी ने फैशन डिजाइनिंग में डिप्लोमा किया। पांचवा सुशांत था जो उनकी मां की मन्नत (Sushant was her mother Mannat) था। पूरी जिंदगी परिवार ने किसी से कुछ नहीं लिया ना ही किसी को कोई नुकसान पहुंचाया (Sushant father said we never hurt someone)।
सुशांत के पिता ने लिखा- कुछ साल पहले की बात है ना कोई सुशांत को जानता था, ना उसके परिवार को। आज सुशांत की हत्या को लेकर करोड़ो लोग परेशान हैं। सुशांत के परिवार को धमकियां दी जा रही (Sushant family got threatened)हैं। सुशांत के माता-पिता कमाकर खाने वाले थे। बच्चों को पढ़ाने के लिए गांव से वो शहर आए। अपनी मेहनत से सभी बच्चों को उनके सपने पूरे करने का हक दिया। लेकिन जो हमारे साथ हुआ वो दुश्मन के साथ भी ना हो।
सुशांत के परिवार को शोक मनाने का भी समय नहीं मिलता है। हत्यारों को ढूंढने के बजाए रखवाले उसके मृत शरीर की फोटो प्रर्दशनी लगाते हैं। उनकी लापरवाही से सुशांत मरा। इतने से भी मन नहीं भरा तो मेरे बेटे की मानसिक बीमारी की कहानी चलाकर उसके चरित्र को मारने में जुट (Sushant father said they are killing my son character) गए। सुशांत के परिवार ने मोटे लालों का नाम नहीं लिया तो क्या हुआ? ढगों और बदमाशों के झुंड ने सुशांत को घेरा। हनी ट्रैप गैंग (Honey Trap Gang) ने उसे बदनाम करने की कोशिश की। सुशांत के पागल बताने की कोशिश की गई।
सुशांत के पिता द्वारा लिखा गए इस लैटर में अंग्रेजो के वारिश का भी जिक्र किया गया। उन्होंने लिखा कि अंग्रेजों के वारिश सुशांत के फिल्म इंडस्ट्री से निकालने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने न्याय की बात करते हुए कहा कि क्या हमें न्याय नहीं मिलेगा अगर महंगे वकील इस केस को दबाने की कोशिश (Sushant father asked to get expensive lawyers they want to kill jusitce) करेंगे। ये लोग न्याय की हत्या करना चाहते हैं।