शूटिंग के दौरान पुनीत इस्सर को अमिताभ को एक जोरदार घूसा मारना था। इसे सीन को रियल दिखाने के लिए उन्हें उनके पेट को छूना था लेकिन कुछ सेकंड्स की देरी के कारण उनका घूसा अमिताभ बच्चन के पेट पर जोर से लग गया। उस वक्त सब कुछ नॉर्मल रहा। अमिताभ आराम करने के लिए अपने होटल चले गए। लेकिन गुजरते वक्त के साथ उनकी तकलीफ बढ़ती चली गई। कुछ ही घंटों में ये हालत हो गई कि उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट करना पड़ा। आठ दिनो के अंदर उनकी दो सर्जरी हुई। लेकिन उनकी हालत में कोई सुधार नहीं था।
अमिताभ बच्चन की हालत इतनी खराब हो गई थी कि डॉक्टर ने उनकी पत्नी जया बच्चन को कहा कि वो आकर उनसे मिल ले इससे पहले कि उनकी मौत हो जाए। जया फौरन अमिताभ से मिलने के लिए अंदर गई और उन्हें देखने लगीं। डॉक्टरों ने कहा था कि अमिताभ के शरीर में कोई हलचल नहीं हो रही है लेकिन जया ने अचानक देखा कि अमिताभ के पैर का अंगूठा हिला था। इस घटना के बाद डॉक्टर्स भी हरकत में आ गए और अमिताभ बच्चन की जान बच गई थी। हालांकि, जब जया बाहर आईं तो उन्हें पता चला कि वह किसी ईश्वरी घटना का संकेत था।
सिमी ग्रेवाल के टॉक शो में जया ने बताया था कि जिस वक्त अमिताभ के पैर का अंगूठा हिला था उसी वक्त आईसीयू के बगल वाले कमरे में एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई थी। जया ने कहा था कि ये ईश्वरी घटना का संकेत था और अमिताभ को भगवान ने नया जन्म दिया था। बता दें कि होश में आने के बाद भी अमिताभ बच्चन को दो महीने बाद अस्पताल से छुट्टी मिली थी। 24 सितंबर, 1982 को वह अपने घर पहुंचे थे। बेटे को मौत को मात देकर लौटता देख डॉ. हरिवंश राय बच्चन रो पड़े थे।