मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तारा सिंह का किरदार थोड़ा-थोड़ा असल जिंदगी के एक सिपाही की कहानी पर आधारित था जिसका नाम बूटा सिंह था। बूटा सिंह ब्रिटिश सेना के एक पूर्व सिख सिपाही थे।
उन्होंने 1947 में हुए बंटवारे के दौरान भड़के सांप्रदायिक दंगो के दौरान एक मुस्लिम लड़की की जान बचाई थी। इस लड़की का नाम जैनब था। बूटा सिंह को जैनब से प्यार हो गया था और बाद में दोनों ने शादी कर ली। दोनों की एक बेटी भी हुई।
जैनब की शादी पाकिस्तान में ही जबर्दस्ती उसके चचेरे भाई से करा दी गई। इसके बाद बूटा सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया और उन पर अवैध तरीके से बॉर्डर क्रॉस करने का आरोप लगाया गया।
उन्होंने 1947 में हुए बंटवारे के दौरान भड़के सांप्रदायिक दंगो के दौरान एक मुस्लिम लड़की की जान बचाई थी। इस लड़की का नाम जैनब था। बूटा सिंह को जैनब से प्यार हो गया था और बाद में दोनों ने शादी कर ली। दोनों की एक बेटी भी हुई।
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चूंकि जैनब मुस्लिम थीं, इसलिए उन्हें नए बने पाकिस्तान भेज दिया गया। वहीं बूटा सिंह को जाने नहीं दिया गया। लेकिन बूटा सिंह गैरकानूनी तरीके से पाकिस्तान में घुस गए। उन्होंने जैनब से संपर्क साधने की काफी कोशिश की। लेकिन जैनब ने परिवार के दबाव में आकर बूटा सिंह से शादी तोड़ दी।जैनब की शादी पाकिस्तान में ही जबर्दस्ती उसके चचेरे भाई से करा दी गई। इसके बाद बूटा सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया और उन पर अवैध तरीके से बॉर्डर क्रॉस करने का आरोप लगाया गया।
कोर्ट में जब बूटा सिंह को पेश किया गया तो उन्होंने अपनी दर्दनाक दास्तां बयां करते हुए बताया कि जैनब उनकी बीवी है और उनकी एक बेटी भी है।
बाद में कोर्ट ने बूटा सिंह पर दया करते हुए उन्हें छोड़ दिया, लेकिन पत्नी जैनब को खोने की वजह से बूटा सिंह टूट गए। बाद में उन्होंने 1957 में बेटी के साथ ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या की कोशिश की। इसमें उनकी बेटी तो बच गई लेकिन बूटा सिंह की जान चली गई।
बाद में कोर्ट ने बूटा सिंह पर दया करते हुए उन्हें छोड़ दिया, लेकिन पत्नी जैनब को खोने की वजह से बूटा सिंह टूट गए। बाद में उन्होंने 1957 में बेटी के साथ ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या की कोशिश की। इसमें उनकी बेटी तो बच गई लेकिन बूटा सिंह की जान चली गई।
बूटा सिंह की आखिरी ख्वाहिश थी कि उनकी मौत के बाद उनका अंतिम संस्कार उस गांव में किया जाए, जहां जैनब के पेरेंट्स बंटवारे के बाद बस गए थे। हालांकि, गांववालों ने बूटा सिंह का अंतिम संस्कार अपने यहां नहीं होने दिया। बाद में उनका अंतिम संस्कार लाहौर में किया गया था।
अब ‘गदर: एक प्रेम कथा’ ( gadar: ek prem katha ) की बेशुमार सफलता के बाद अब ‘गदर 2’ ( gadar 2 ) जल्द ही रिलीज होने वाली है। इसमें एक बार फिर तारा सिंह के किरदार में सनी देओल ( sunny deol ) और सकीना के रोल में अमीषा पटेल ( ameesha patel ) नजर आएंगी। ‘गदर 2’ 11 अगस्त को रिलीज होगी।
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