दरअसल, संजय दत्त अपनी जिद पूरी करने के लिए सड़क पर लेट जाते थे। इस बारे में खुद उनके पिता सुनील दत्त ने खुलासा किया था। ‘जीना इसी का नाम है’ में सुनील दत्त ने कहा, ‘अगर संजू ठान लेता था कि उसे कुछ करना है तो उसे रोकना नामुमकिन होता था। उन्होंने आगे बताया कि एक बार हम इटली में थे और उस वक्त संजू साढ़े तीन साल का था। इटली के एक बाजार में हम किसी का इंतजार कर रहे थे। संजय ने वहां पर घोड़ा गाड़ी देख ली। अब इसने जिद पकड़ ली कि इसे घोड़ा गाड़ी में बैठना है। लेकिन हमें एक मीटिंग करनी थी इसलिए हमें किसी का इंतजार था। फिर संजू ने सड़क पर ही लोटना शुरू कर दिया। वहां से गुजर रहे लोगों ने उसे देखा और सोचने लगे कि कितने कठोर मां-बाप हैं। अपने बच्चे को रुला रहे हैं’।
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