स्वामी ने अपने वेरिफाइड ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया, मुंबई पुलिस ने सुशांत सिंह राजपूत मामले में एफआईआर क्यों नहीं दर्ज की? पोस्टमार्टम रिपोर्ट को प्रोविजनल क्यों कहा गया? दोनों का एक ही कारण है : अस्पताल के डॉक्टरों को फोरेंसिक विभाग से सुशांत की विसरा रिपोर्ट का इंतजार है, ताकि पता चल सके कि उसे जहर दिया गया था या नहीं। उसके नाखून भी भेजे गए हैं।
इससे एक दिन पहले स्वामी ने ट्विटर पर लिखा था कि उन्हें पूरी तरह से लग रहा है कि सुशांत सिंह राजपूत की हत्या की गई है। स्वामी ने गुरुवार को अपने दावे के समर्थन में डॉक्यूमेंट पोस्ट किए थे। स्वामी ने एक दस्तावेज की तस्वीर को ट्वीट किया था, जिसमें 26 पॉइंट्स थे। उन्होंने ट्वीट में कहा था मुझे इसलिए लगता है कि सुशांत सिंह की हत्या की गई।
डॉक्यूमेंट के अनुसार, सुशांत की गर्दन पर निशान आत्महत्या का संकेत नहीं देते थे, बल्कि हत्या के संकेत देते थे। आगे दावा किया गया है कि फांसी लगाकर आत्महत्या करने के लिए अपने पैरों के नीचे की मेज को हटाकर खुद लटकना पड़ता है। डॉक्यूमेंट में आगे दावा किया गया है कि दिवंगत अभिनेता के शरीर पर निशान मारपीट का संकेत देते हैं।