काफी चुनौतीपूर्ण रहा
उन्होंने आगे कहा कि मैंने इसमें कबीर का किरदार निभाया है, जो अपने दिमाग में चल रही बातों को लेकर कन्फ्यूज रहता है। यह तनाव की भी बात करता है, जिसका सामना वर्तमान परिस्थिति में हम सभी कर रहे हैं। इसे फिल्माने को लेकर ऋषभ ने कहा, ‘घर पर इसे फिल्माना आसान नहीं रहा, खासकर जब आप अकेले ही कास्ट और क्रू हैं। यह काफी चुनौतीपूर्ण रहा। मुझे कैमरामैन, डायरेक्टर, असिसटेंट, एक्टर सारी भूमिकाएं निभानी पड़ी। मैंने इसे लिखा और संपादित भी किया, लेकिन हां इस पूरी प्रक्रिया में मुझे बहुत मजा भी आया।’
उन्होंने आगे कहा कि मैंने इसमें कबीर का किरदार निभाया है, जो अपने दिमाग में चल रही बातों को लेकर कन्फ्यूज रहता है। यह तनाव की भी बात करता है, जिसका सामना वर्तमान परिस्थिति में हम सभी कर रहे हैं। इसे फिल्माने को लेकर ऋषभ ने कहा, ‘घर पर इसे फिल्माना आसान नहीं रहा, खासकर जब आप अकेले ही कास्ट और क्रू हैं। यह काफी चुनौतीपूर्ण रहा। मुझे कैमरामैन, डायरेक्टर, असिसटेंट, एक्टर सारी भूमिकाएं निभानी पड़ी। मैंने इसे लिखा और संपादित भी किया, लेकिन हां इस पूरी प्रक्रिया में मुझे बहुत मजा भी आया।’
सुभाष घई ने पुरानी स्क्रिप्ट्स को फिर से लिखा
दिग्गज फिल्मकार सुभाष घई का कहना है लॉकडाउन के दौरान अपनी पुरानी स्क्रिप्ट्स को फिर से लिखने को मौका मिला। उन्होंने कहा कि इस दौरान फिल्म उद्योग पूरी तरह से रूक गया, इस समय अपनी रचनात्मकता को बढ़ाने के लिए अपने समय का उपयोग कर रहे हैं। एक साक्षात्कार में घई ने बताया कि अपने बारे में नई ऊर्जा और रास्ते खोजे हैं। फिल्म निर्माता ने अपनी पुरानी स्क्रिप्ट को आज के युवाओं को ध्यान में रखकर फिर से लिखा। घई ने यह भी बताया कि कैसे एक फिल्म निर्माता को वेब पर स्वतंत्रता का आनंद सिनेमा से कहीं अधिक मिलता है। उन्होंने लॉकडाउन के दौरान उनकी जीवनी पर भी काम किया। उन्होंने कहा कि फिल्मों में ऐसी सीमाएं हैं जिन्हें वेब सामग्री ने पीछे छोड़ दिया है। फिल्म निर्माता अब लघु फिल्मों पर भी ध्यान केंद्रित करना चाहता है।
दिग्गज फिल्मकार सुभाष घई का कहना है लॉकडाउन के दौरान अपनी पुरानी स्क्रिप्ट्स को फिर से लिखने को मौका मिला। उन्होंने कहा कि इस दौरान फिल्म उद्योग पूरी तरह से रूक गया, इस समय अपनी रचनात्मकता को बढ़ाने के लिए अपने समय का उपयोग कर रहे हैं। एक साक्षात्कार में घई ने बताया कि अपने बारे में नई ऊर्जा और रास्ते खोजे हैं। फिल्म निर्माता ने अपनी पुरानी स्क्रिप्ट को आज के युवाओं को ध्यान में रखकर फिर से लिखा। घई ने यह भी बताया कि कैसे एक फिल्म निर्माता को वेब पर स्वतंत्रता का आनंद सिनेमा से कहीं अधिक मिलता है। उन्होंने लॉकडाउन के दौरान उनकी जीवनी पर भी काम किया। उन्होंने कहा कि फिल्मों में ऐसी सीमाएं हैं जिन्हें वेब सामग्री ने पीछे छोड़ दिया है। फिल्म निर्माता अब लघु फिल्मों पर भी ध्यान केंद्रित करना चाहता है।