इसके अलावा विवेक ने कश्मीर में 90 के दशक में हुए नरसंहार पर बात करते हुए कहा कि हिंदुओं के प्रति नफरत का भाव स्पष्ट था। संदेश साफ था या तो धर्म बदलो या कश्मीर छोड़ दो। जो यह स्वीकार नहीं करते उन्हें मार दिया जाता। हिंदुओं को अपने घर की महिलाओं को घाटी में छोड़ कश्मीर छोड़ने तक की धमकियाँ दी गई। कश्मीर में हुए नरसंहार में हिंदुओं के साथ-साथ सिख समुदाय के लोग भी मारे गए। सिखों की हत्या भी उनके धर्म की वजह से हुई ना कि आर्थिक वजहों से, जैसा कि लोग बताते हैं।
वहीं फिल्म देखने के बाद गिरिजा के परिवार ने इस घटना पर चुप्पी तोड़ी। उनकी भतीजी सीधी रैना ने इंस्टाग्राम पोस्ट शेयर किया। इसमें उन्होंने कहा कि उनके परिवार को अभी भी न्याय का इंतजार है। पोस्ट में वह कहती हैं, द कश्मीर फाइल्स दुनिया भर में रिलीज हो गई है। यह फिल्म उन भयानक रातों को दिखाती है जिनसे न केवल उनका परिवार गुजरा बल्कि हर कश्मीरी पंडित परिवार गुजरा। उनके पिता की बहन गिरिजा टिक्कू, एक यूनिवर्सिटी में लाइब्रेरियन थीं। वह अपनी सैलरी लेने के लिए गई थीं। वापस आते वक्त वह जिस बस में सवार थी, उसे रोक दिया गया और इसके बाद जो हुआ, उसे सोचकर अभी भी उनकी रुह काँप जाती है, आँख आँसुओं से और मन घृणा से भर उठता है।
यह भी पढ़ें
‘द कश्मीर फाइल्स’ का IMDB पर रेटिंग गिराए जाने के आजमाए जा रहे अलग-अलग पैतरे, गुस्से में विवेक अग्निहोत्री ने कही ये बात
सीधी रैना ने बताया कि उनकी बुआ को एक टैक्सी में फेंक दिया गया था, जिसमें 5 आदमी थे (उनमें से एक उसका सहयोगी था)। उन लोगों ने उन्हें प्रताड़ित किया, उनके साथ बलात्कार किया और फिर बढ़ई की आरी से उन्हें जिंदा काटकर बेरहमी से उनकी हत्या कर दी। वह कहती हैं, “आज तक मैंने अपने परिवार के किसी व्यक्ति को इस घटना के बारे में बोलते नहीं सुना। मेरे पिता मुझसे कहते हैं कि हर भाई इतनी शर्म और गुस्से में जी रहा था कि मेरी बुआ को न्याय दिलाने के लिए कुछ नहीं किया गया।” उन्होंने आगे लोगों से अपील की है कि वह अपने परिवार और दोस्तों के साथ फिल्म देखने के लिए जरूर जाएँ।