गायक ने कहा, ‘पाकिस्तान में पैदा होना बेहतर होता बयान मैंने भारत में संगीत कपनियों के संदर्भ में दिया था, जो गायक-गायिकाओं से अपने संगीत कार्यक्रम का 40-50 फीसदी भुगतान करने के लिए कहते हैं और जो यह पैसा देते हैं, वे (कंपनियां) सिर्फ ऐसे ही गायकों के साथ काम करते हैं…लेकिन वे विदेश के गायकों, विशेष रूप से पाकिस्तान के गायकों से ऐसा करने के लिए नहीं कहते।’
उन्होंने कहा, ‘मैंने यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया था..और इन लोगों ने इसे बदलकर ‘पाकिस्तान में पैदा होना मेरे लिए बेहतर होता, ऐसा होता तो मुझे काम मिल रहा होता’ लिख दिया। मैं क्या कह सकता हूं।’ समिट के दौरान गायक इस बारे में बात कर रहे थे कि इन दिनों क्यों कई गानों के रीमिक्स बन रहे हैं। उन्होंने मजाक में कहा, ‘कभी-कभी मुझे लगता है कि अगर मैं पाकिस्तानी होता तो ज्यादा बेहतर होता। कम से कम मुझे भारत से काम का ऑफर तो मिलता।’
उन्होंने कहा, ‘आजकल शो के लिए गायकों को संगीत कंपनियों को पैसा देना पड़ता है। अगर हम ऐसा नहीं करेंगे तो वे अन्य गायकों के गाने चलाएंगे और उन्हें हाईलाइट करेंगे और वे फिर उनसे पैसे लेंगे।’ सोनू ने कहा था, ‘लेकिन, वे ऐसा पाकिस्तानी गायकों के साथ नहीं करते….तो फिर सिर्फ भारतीय गायकों के साथ क्यों? आतिफ असलम मेरे बहुत करीबी दोस्त हैं। उनसे कभी भी शो के लिए पैसा देने के लिए नहीं कहा गया और राहत फतेह अली खान से भी ऐसा करने के लिए नहीं कहा गया।’
सोनू ने इसके लिए गानों के रीमिक्स के चलन को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, ”पहले, संगीतकार, गीतकार और गायक-गायिकाएं गीत तैयार करते थे। अब इस काम को संगीत कंपनियों ने अपने हाथ में ले लिया है।’