मुंबई से महेश भट्ट का आया फोन
कुनाल ने बताया कि रवींद उपाध्य और स्वरूप के साथ अपनी शुरुआत की। उन्होंने ‘माही वे’ एलबम बनाया, जिसमें राजस्थानी और पंजाबी गाने शामिल थे। इसके के बाद उनका इंट्रेस और नोलेज बढ़ा। इसके साथ ही में पोइट्री और गाने भी लिखते रहे और सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए। कई लोगों यह पसंद आया और कुछ लोगों के लिए उन्होंने लिखा भी। 2004 में मुंबई से मेरा पास महेश भट्ट साहब का पहला कॉल आया। उन्होंने कहा कि मुझे आपका एक गाना पसंद आया है। मैंने ‘हंसी बन गए’ गाना अमित मिश्रा के लिए लिखा था उन्होंने भट्ट साहब को भेजा। उनको इसके फीमेल वर्जन के लिए मुझे बुलाया। यह सॉन्ग लिखने के बाद मैं तीन से चार दिनों महेश भट्ट के साथ रहा। ‘हमारी अधूरी कहानी’ में यह दोनों गाने आ गए। यह गाना मूवी रिलीज होने के बाद सॉन्ग कुछ समय हिट हुआ।
कुनाल ने बताया कि रवींद उपाध्य और स्वरूप के साथ अपनी शुरुआत की। उन्होंने ‘माही वे’ एलबम बनाया, जिसमें राजस्थानी और पंजाबी गाने शामिल थे। इसके के बाद उनका इंट्रेस और नोलेज बढ़ा। इसके साथ ही में पोइट्री और गाने भी लिखते रहे और सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए। कई लोगों यह पसंद आया और कुछ लोगों के लिए उन्होंने लिखा भी। 2004 में मुंबई से मेरा पास महेश भट्ट साहब का पहला कॉल आया। उन्होंने कहा कि मुझे आपका एक गाना पसंद आया है। मैंने ‘हंसी बन गए’ गाना अमित मिश्रा के लिए लिखा था उन्होंने भट्ट साहब को भेजा। उनको इसके फीमेल वर्जन के लिए मुझे बुलाया। यह सॉन्ग लिखने के बाद मैं तीन से चार दिनों महेश भट्ट के साथ रहा। ‘हमारी अधूरी कहानी’ में यह दोनों गाने आ गए। यह गाना मूवी रिलीज होने के बाद सॉन्ग कुछ समय हिट हुआ।
प्रीतम दा से बहुत कुछ सीखा
‘हंसी बन गए’ के करीब डेढ साल बाद प्रीतम दा ने फोन किया। उनको फिल्म ‘1920 लंदन’ के लिए ‘गुमनाम है कोई’ गाना फोन पर ही करके भेजा और दूसरे दिन वह फिल्म में लग गया। मैं जयपुर नहीं छोड़ना चाहता था, लेकिन मुंबई से बार-बार फोन आने पर मैंने सोच की एक बार ट्राइ करते है। करीब आठ महीनें तक मैंने प्रियम दा के साथ काम किया और बहुत कुछ सिखा।
‘हंसी बन गए’ के करीब डेढ साल बाद प्रीतम दा ने फोन किया। उनको फिल्म ‘1920 लंदन’ के लिए ‘गुमनाम है कोई’ गाना फोन पर ही करके भेजा और दूसरे दिन वह फिल्म में लग गया। मैं जयपुर नहीं छोड़ना चाहता था, लेकिन मुंबई से बार-बार फोन आने पर मैंने सोच की एक बार ट्राइ करते है। करीब आठ महीनें तक मैंने प्रियम दा के साथ काम किया और बहुत कुछ सिखा।
फोटोकॉपी की दुकान पर किया काम
उन्होंने बताा कि स्कूलों में गाता था और शौक से लिखता था। बीच में मैंने राइटिंग छोड़ दी थी लेकिन कुछ लोगों ने मुझे दोबारा लिखने के लिए कहा। मैं 18 साल की उम्र से काम करने शुरू कर दिया था। मुझे गांव से जयपुर शिफ्ट होना था इसलिए मैं एक फोटोकॉपी की की दुकान पर काम करने लगा। वहां पर कुछ लोग डिजाइनिंग भी करते थे। मुझे लगा कि यह भी सीख लूंगा। मैंने यहां से इंसान का पैसेंस लेवल सीखा। उन्होंने मेरे टेलेंट को पहचान और कहा कि तुम बहुत आगे तक जाएंगे। यहां से मैंने बहुत कुछ सीखा और बाद में खुद का काम शुरू किया।
उन्होंने बताा कि स्कूलों में गाता था और शौक से लिखता था। बीच में मैंने राइटिंग छोड़ दी थी लेकिन कुछ लोगों ने मुझे दोबारा लिखने के लिए कहा। मैं 18 साल की उम्र से काम करने शुरू कर दिया था। मुझे गांव से जयपुर शिफ्ट होना था इसलिए मैं एक फोटोकॉपी की की दुकान पर काम करने लगा। वहां पर कुछ लोग डिजाइनिंग भी करते थे। मुझे लगा कि यह भी सीख लूंगा। मैंने यहां से इंसान का पैसेंस लेवल सीखा। उन्होंने मेरे टेलेंट को पहचान और कहा कि तुम बहुत आगे तक जाएंगे। यहां से मैंने बहुत कुछ सीखा और बाद में खुद का काम शुरू किया।
आर्थिक स्थिति हो गई थी खराब
मुंबई में कई दिनों तक काम नहीं मिलने से मेरी आर्थिक स्थिति खराब हो गई और फिर मैं वापस जयपुर आने का विचार बना लिया। मेरी गाड़ी की कई किस्ते बाउंस हो गई थी और मैं फैमिली में एक ही करने वाला था। मुझे फील हुआ कि मेरी वजह से सभी लोगों को परेशानी हो रही है। वापस घर के मन बना लिया और एक स्टोल पर बैठा था तभी वहां कुछ लोग मेरा गाना गा रहे थे। फिर वहां से मुझे साइन मिला और मैंने अपना विचार को बदला। फिर सोचा की अब तो कुछ बनकर ही वापस जाना है। बड़े लोग नहीं जानते तो मैं न्यू कमर्स के साथ ही काम करू। यहां से मेरी जर्नी शुरू आई और आज मैं सभी के साथ काम कर रहा हूं।
मुंबई में कई दिनों तक काम नहीं मिलने से मेरी आर्थिक स्थिति खराब हो गई और फिर मैं वापस जयपुर आने का विचार बना लिया। मेरी गाड़ी की कई किस्ते बाउंस हो गई थी और मैं फैमिली में एक ही करने वाला था। मुझे फील हुआ कि मेरी वजह से सभी लोगों को परेशानी हो रही है। वापस घर के मन बना लिया और एक स्टोल पर बैठा था तभी वहां कुछ लोग मेरा गाना गा रहे थे। फिर वहां से मुझे साइन मिला और मैंने अपना विचार को बदला। फिर सोचा की अब तो कुछ बनकर ही वापस जाना है। बड़े लोग नहीं जानते तो मैं न्यू कमर्स के साथ ही काम करू। यहां से मेरी जर्नी शुरू आई और आज मैं सभी के साथ काम कर रहा हूं।
अपकमिंग प्रोजेक्ट
कुनाल ने ‘तुम ही आना’, ‘हंसी’, ‘चले आना’, ‘पल’, ‘दुनिया’ और ‘घर से निकलते ही’ जैसे कई मशहूर गाने दिए है। जनवरी के अंत में उनका ड्रीम प्रोजेक्ट आने वाला है। इसके अलावा कई फिल्मों के लिए म्यूजिक बना रहे है। आगामी वर्ष में 15 फिल्में आने वाली है जिसमें उन्होंने अपना संगीत दिया है। बेस्ट लिरिक्स के लिए स्टार स्क्रीन अवॉर्ड में ‘दुनिया’ गाने के लिए वे नोमिनेट हो चुके है।
कुनाल ने ‘तुम ही आना’, ‘हंसी’, ‘चले आना’, ‘पल’, ‘दुनिया’ और ‘घर से निकलते ही’ जैसे कई मशहूर गाने दिए है। जनवरी के अंत में उनका ड्रीम प्रोजेक्ट आने वाला है। इसके अलावा कई फिल्मों के लिए म्यूजिक बना रहे है। आगामी वर्ष में 15 फिल्में आने वाली है जिसमें उन्होंने अपना संगीत दिया है। बेस्ट लिरिक्स के लिए स्टार स्क्रीन अवॉर्ड में ‘दुनिया’ गाने के लिए वे नोमिनेट हो चुके है।