‘कभी नीम नींम’ ( kabhi neem neem ) गाने से लाखों दिलों में जगह बनाने वाली गायिका मधुश्री राजस्थान पत्रिका के रेडियो चैनल FM Tadka संग ऑलाइन इंटरव्यू ( Madhushree Bhattacharya online interview ) में शामिल हुई थीं। इस दौरान जब उनसे पूछा गया कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद तेजी से उठ रहे नेपोटिज्म पर उनका क्या मानना है तो? तो इसका जवाब देते हुए सिंगर ने कहा कि “नेपोटिज्म (Nepotism will always be there ) पहले जमाने में था, आज भी है और हमेशा रहेगा। यह कभी बंद नहीं होने वाला, लेकिन हम आर्टिस्ट को खुद रास्ता ढूंढना है कैसे हमें बचना है। हर जगह नेपोटिज्म है। मेरे साथ भी एक-दो ऐसा है। जब मुझे बुलाया है। गाने गाने के बाद रिकॉर्ड नहीं करते थे। प्रोफेशनल जैलेसी, पॉलिटिक्स और गुटबाजी ( Jealousy, Nepotsim and Groupism ) बनी रहती है। मैं मुंबई में हूं लेकिन कह दिया जाता है कि वह यहां है ही नहीं, चेन्नई के किसी होटल में बैठी हुईं हैं। मुझे रिकोर्डिंग के लिए बुलाया जाता था। तो मुझे फोन करके कह दिया था कि किसी और ने सॉन्ग रिकॉर्ड कर लिया है।
कई बार मेरे साथ ऐसी चीज़े हुई जिसके बाद मैंने तय कर लिया कि मैं पूछ लेती स्कैच या फाइनल है। हमने बहुत काम किया है। अब स्कैच गाने की जरूरत नहीं है। साथ ही काफी मेहनत की है। अपना गला तैयार किया है और जब 20 और 21 साल का नया सिंगर कुछ बताता है तो वह काफी बुरा लगता है।” बता दें मधुश्री एक भारतीय गायक ( Indian Singer ) हैं। उन्होंने हिंदी, कन्नड़, तमिल और तेलुगू फिल्मों में गाती हैं। ए आर रहमान ( A.R Rehman ) संग भी उन्होंने काफी काम किया है। मधुश्री एक म्युजिकल इच्छुक ( Madhushree belongs to musical family ) परिवार से जुड़ी हैं, इन्हें पहले शास्त्रीय और पश्चिमी शैली संगीत में प्रशिक्षित किया गया था। इनके पिता चाहते थे कि वे एक शास्त्रीय गायक बनें, तो मधुश्री रवीन्द्र भारती विश्वविद्यालय में शामिल हो गईं और अपने स्नातक को पूरा कर लिया, लेकिन उनकी इच्छा हमेशा एक पार्श्व गायक होने की ही थी।