हैट्रिक मारने की शर्त सामने रखी
दरअसल शर्मिला टैगोर, मंसूर अली खान को काफी अच्छा स्पोर्ट्समैन मानती हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इसलिए उन्होंने छक्कों की हैट्रिक मारने की शर्त सामने रखी थी। उनकी इस शर्त को लेकर मंसूर अली खान पटौदी उस वक्त राजी हो गए थे। अगले ही दिन नवाब पटौदी ने एक मैच में 3 बॉलों पर 3 छक्के मार दिए, इसके बाद 27 दिसंबर 1969 को शर्मिला टैगोर और नवाब पटौदी हमेशा-हमेशा के लिए एक हो गए थे।
यह भी पढ़ें
आखिर क्यों जूही चावला बनीं आर्यन खान की जमानती? जानें इसके पीछे का कारण
अपने एक इंटरव्यू में शर्मिला टैगोर ने कहा था कि मंसूर अली खान ने एक आंख के साथ इतना अच्छा खेलते थे। अगर उनकी दोनों ही आंखें ठीक होतीं तो वह पता नहीं क्या करते। इंटरव्यू में शर्मिला टैगोर से मंसूर अली खान पटौदी की बायोपिक को लेकर सवाल किया गया था। दोनों आंखें होतीं तो वह क्या करते मंसूर अली खान को लेकर किये गए इस सवाल के जवाब में शर्मिला टैगोर ने कहा था मुझे लगता है कि उनकी जिंदगी में सभी जो चीजें हुईं, उनके पिता की मौत, उनकी एक आंख का खोना और कम उम्र में ही तमाम तरह के उतार-चढ़ाव से होकर गुजरना, मुझे नहीं लगता कि कोई और व्यक्ति इन चीजों में एडजस्ट हो पाता।
यह भी पढ़ें