जब शरद के कॅरियर का ग्राफ नीचे की ओर गिरने लगा और उनकी पॉपुलरटी कम होने लगी तभी उन्होंने अपना मन बना लिया था कि उन्हें फिल्मों के अलावा अब किसी और फील्ड में चले जाना चाहिए। इसके बाद उन्होंने देरी न लगाते हुए इस पर काम करना शुरू कर दिया।
शरद के कई शहरों में हैं रेस्टोरेंट्स
देखते ही देखते शरद कपूर एक सफल बिजनेसमैन बन गए। आज शरद के बंगलुरु, मुंबई और कोलकाता कई शहरों में रेस्टोरेंट्स हैं। इसके अलावा अन्य बड़े शहरों में भी रेस्टोरेंट्स खोलने की योजना कर रहे हैं। हालांकि बीच-बीच में शरद कुछ चुनिंदा फिल्मों के जरिए अपने ऐक्टिंग के शौक को भी पूरा करते रहते हैं।
देखते ही देखते शरद कपूर एक सफल बिजनेसमैन बन गए। आज शरद के बंगलुरु, मुंबई और कोलकाता कई शहरों में रेस्टोरेंट्स हैं। इसके अलावा अन्य बड़े शहरों में भी रेस्टोरेंट्स खोलने की योजना कर रहे हैं। हालांकि बीच-बीच में शरद कुछ चुनिंदा फिल्मों के जरिए अपने ऐक्टिंग के शौक को भी पूरा करते रहते हैं।
47 साल के अभिनेता शरद कपूर पिछले 28 सालों से अभिनय की दुनिया में सक्रिय हैं। शरद कोलकाता से ताल्लुक रखते हैं, इसलिए वह बंगाली फिल्मों में भी काम करते नजर आते है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो शरद बचपन से ही एक्टर बनना चाहते थे और जब वह बड़े हुए तो अपने पिता को अपनी इच्छा जाहिर की और फिर एक्टर बनने वह मुंबई आ गए।
कभी एक-एक रोल पाने के लिए तरस रहे थे शरद
जब वह मुंबई आए तो काफी संघर्ष करना पड़ा, वह एक-एक रोल पाने के लिए तरस रहे थे। आखिरकार, उन्हें साल 1995 में दूरदर्शन पर आना वाला सीरियल ‘स्वाभिमान’ में काम करने का मौका मिला। इस सीरियल से उनके करिअर में कोई उछाल तो नहीं मिली लेकिन उनके अभिनय से फिल्म निर्देशक महेश भट्ट काफी इंप्रेस हुए और उनको एक फिल्म की ऑफर दे दी, जिसका नाम ‘तमन्ना’ था।
जब वह मुंबई आए तो काफी संघर्ष करना पड़ा, वह एक-एक रोल पाने के लिए तरस रहे थे। आखिरकार, उन्हें साल 1995 में दूरदर्शन पर आना वाला सीरियल ‘स्वाभिमान’ में काम करने का मौका मिला। इस सीरियल से उनके करिअर में कोई उछाल तो नहीं मिली लेकिन उनके अभिनय से फिल्म निर्देशक महेश भट्ट काफी इंप्रेस हुए और उनको एक फिल्म की ऑफर दे दी, जिसका नाम ‘तमन्ना’ था।
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