शाहरुख ने कहा, ‘मैंने अबतक 70 फिल्में की है, लेकिन मुझे फिल्म महोत्सवों में या तो नाचने या फिर प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करने और लोगों के साथ अच्छे से पेश आने के लिए बुलाया जाता है और कुछ भी बौद्धिक काम करने के लिए नहीं बुलाया जाता।’ उन्होंने कहा, ‘इसका कारण यह है कि मैं बहुत बुद्धिमान नहीं हूं और मैं बहुत होशियार नहीं हूं।’
शाहरुख ने हालांकि कहा कि इंडियन प्रीमियर लीग में पिछले 12 सालों से कोलकाता नाइट राइडर्स से जुड़े होने के बाद से वह बुद्धिमान व होशियार बन गए हैं। उन्होंने कहा कि शायद अगले 10 सालों में कभी ऐसा भी समय आएगा, जब उनकी फिल्म इस तरह के किसी अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का हिस्सा बनेगी। शाहरुख ने आगे कहा, ‘यह वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है कि मुझे कभी भी राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार नहीं मिला।’ केआईएफएफ के आयोजकों ने उन्हे क्रिस्टल ट्रॉफी प्रदान किया। अभिनेता ने कहा, ‘एकमात्र पुरस्कार जो आज मुझे मिला, वह केआईएफएफ है, जिसे ममता दी (पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री) ने मुझे बड़े प्यार से दिया। यह एक खास क्रिस्टल अवार्ड है।’