पहली बार चिंता, दर्द और डर महसूस किया
नीलिमा ने पंकज कपूर से शादी और इसके बिखराव पर बताया,’मैंने मेरे मित्र से शादी की, सबकुछ अच्छा चल रहा था, मेरे पैरेंट्स बहुत अच्छे थे, दोस्त अच्छे थे, लेकिन मुझे ये पता ही नहीं था कि कुछ जिंदगी में ऐसा भी हो सकता है कि जिसमें पांव फिसल जाए ओर हम धड़ाम से गिर जाएं। रिजेक्शन का कोई सवाल ही नहीं है क्योंकि सब मुझे प्यार करते थे, प्रशंसा करते थे ओर मुझे मानते थे। जब बहुत जवां होते हो और सबकुछ एनर्जी से भरा होता है, ये पहली बार था कि मैंने वास्तव में शोक, दुख, रिजेक्शन, चिंता, दर्द और अनजान डर व असुरक्षा महसूस की।’ बॉलीवुड बबल से बातचीत में नीलिमा ने आगे बताया,’पैरेंट्स के साथ रहना और एक बच्चे को खुद के दम पर पालना भयभीत करने वाला लगा। ये पहली बार था कि मैं फिसली और मुंह के बल गिरी। लेकिन मैंने जीवन में इसे डरावनी चीज की तरह नहीं लिया। मुझे लगा कि इस झटके की जरूरत थी। हम सबको समझना चाहिए कि हम एक्स्ट्रा आर्डिनरी नहीं हैं, हम सामान्य मानव हैं जिन्हें रिजेक्ट किया जा सकता है। मुझे अपने आपको संभालने में करीब डेढ़ साल लगा।’
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… तो नहीं टूटती दूसरी शादी
राजेश खट्टर से शादी पर नीलिमा ने कहा,’दूसरी शादी नहीं टूटती अगर कुछ चीजें नहीं होती, जिनका सामना करना मुश्किल था। मुझे लगता है कि अगर ज्यादा कंट्रोल होता और ज्यादा लॉजिक और सेंस इसमें होता। लेकिन ये हुआ और हाथ से निकल गया। ये मुंबई में सारे संघर्षों, दबावों के बीच हुआ, जिसमें कई बार लोग हार मान लेते हैं। मेरे में फिर से खड़े होने और चलने की क्षमता थी और मेरे जीवन में ये दो प्यारे लड़के थे, मेरे बेटे शाहिद और इशान। ये मेरे बड़ी प्रेरणा और खुशी व उत्साह के सोर्स थे। मैं यहां वंदना ( राजेश खट्टर की पत्नी ) को श्रेय देना चाहती हूं क्योंकि वही है जिसने हमेशा मुझे ढूंढ़ा और मैं कहना चाहूंगी कि उसने ही मेरी फ्रेंड बनने की पहल की। वह मेरा परिवार में बड़े की तरह सम्मान करती है। उसने मेरा सम्मान किया, प्रशंसा की और उसके साथ खड़े रहने के लिए उत्साहित किया। मैं राजेश के साथ वंदना की वजह से ही कम्फर्टेबल महसूस करती हूं।’