प्रभु चावला ने शाहरुख से पूछा था सवाल दरअसल एक बार शाहरुख खान प्रभु चावला के शो ‘सीधी बात’ में नजर आए थे। जिसमें प्रभु चावला ने शाहरुख खान से पूछा था कि ‘दिलीप कुमार की देवदास और शाहरुख खान की देवदास। मैंने आप दोनों को देखा है, पर शाहरुख खान दिलीप कुमार और दिलीप कुमार शाहरुख खान नहीं हो सकते। इस पर शाहरुख ने कहा था कि दिलीप कुमार एक बहुत बड़े स्टार हैं, मैं उनकी तरह बन भी नहीं सकता। मैं अपनी ही एक जगह बना लूं तो मुझे खुशी होगी।
शाहरुख खान ने एक उदाहरण देते हुए बताया था कि मान लीजिए आपको मोहब्बतें बहुत पसंद है और आपने अपने लड़के को वो फिल्म दिखाई। 20 साल निकल गए और आपका लड़का कह रहा है कि एक बड़ी ही अच्छी फिल्म थी मोहब्बतें और सब कह रहे हैं कौन सी मोहब्बतें?’ शाहरुख ने कहा था कि पुरानी फिल्में युवा पीढ़ी भूल जाती है, अच्छा सिनेमा उन्हें याद दिलाने के लिए वही फिल्में दोबारा बनाने की जरूरत होती है।
अपने पिता से जुड़ा किस्सा सुनाया था इस पर शाहरुख खान ने अपने पिता से जुड़ा किस्सा सुनाया था। उन्होंने बताया था, ‘जैसे मेरे मां, बाप…जब मैं बड़ा हो रहा था तब मेरे पिता हमेशा मुझसे एक ही बात कहते थे कि बेटा जब तुम बड़े होगे ना तो फिल्म देवदास जरूर देखना। क्योंकि वो जानते थे कि देवदास एक बड़ी फिल्म है, जिसे वो मुझे दिखाना चाहते थे। वहीं, मेरी मां तो मुझे दिलीप कुमार ही मानती थीं। ऐसे में अपने पिता से कहता था क्या देवदास, ये फिल्म हमारे जमाने की तो हैं नहीं। फिर मैंने फिल्म देखी थी।
पिता मुझे ये फिल्म क्यों दिखाना चाहते थे जब मैने अपनी फिल्म देवदास के लिए संजय लीला भंसाली को अपना प्रेजेंटेशन दिया। तब मुझे पता चला कि मेरे पिता मुझे ये फिल्म क्यों दिखाना चाहते थे। मुझे यकीन हुआ कि मेरे पिता की तरह एक पीढ़ी जरूर ऐसी होगी जो अपने बच्चों को देवदास दिखाना चाहती है। आपको बता दें कि साल 1955 में आई फ़िल्म, ‘देवदास’ एक कल्ट फिल्म मानी जाती है। इस फिल्म में दिलीप कुमार, सुचित्रा सेन, वैजंतीमाला, मोतीलाल जैसे बेहतरीन कलाकार नजर आए थे। इस फिल्म को लोगों के दिलों में बसा दिया था।