नोटिस में कहा गया है कि साल 2012 में फेसबुक के जरिए रणदीप हुड्डा ने उन्हें कांटेक्ट किया था जिसके बाद से वह उनके दोस्त बन गए थे, इतना ही नहीं दोनों के बीच में पारिवारिक बातें तक होने लगी थी। रणदीप हुड्डा की मां से बातचीत के दौरान प्रिया ने उन्हें बताया कि बीते 8 साल में रणदीप हुड्डा को ध्यान में रखते हुए उन्होंने कई स्क्रिप्ट लिखी है और यह फिल्म बनाने के लिए वह स्क्रिप्ट रणदीप से शेयर करना चाहती है, जिस पर जवाब देते हुए एक्टर की मां ने कहा कि तुम तो अपनी ही हो, घर की हो, हमारा जल्दी प्रोदेक्शन हाउस शुरु होने वाला है तो अपनी वह स्क्रिप्ट पंचाली और रेणुका को भेज दो।
लेखिका का आरोप है कि रणदीप हुड्डा की मां की बातों में आकर और आश्वासन के कारण साल 2013 में भारतीय डाक के माध्यम से उन्होंने फरीदाबाद के डाक के पते पर वह स्क्रिप्ट भेज दी, वही रणदीप हुड्डा से मौखिक सहमति लेकर रेणुका ने वह स्क्रिप्ट जमा कर ली, इसके साथ ही प्रिया ने पांचाली के ईमेल पर भी सारी शर्तें भेज दी, जिनमें 50 कहानियां और 200 गाने थे। पांचाली के ईमेल पर भी इन स्क्रिप्ट को भेजा गया। लेखिका नोटिस में कहती है कि वह उनकी 15 साल की मेहनत थी, वहीं आश्वासन के बाद भी उनकी स्क्रिप्ट पर कोई ध्यान नहीं दिया गया और कुछ समय बाद उन्हें इग्नोर करने लगे। लेखिका का कहना है कि स्क्रिप्ट की सभी मूर्तियां मूल रूप में थी, दरअसल आवश्यक कागजात की मात्रा के कारण और बार-बार एडिटिंग के कारण उस स्क्रिप्ट कि कोई हार्ड कॉपी नहीं रखी गई थी। उनके पास जो स्क्रिप्ट थी वह पेनड्राइव में ही थी और वही उनके पास फिलहाल है, यह उनके बीते 15 साल के क्रिएटिव काम का केवल 50% है।
प्रिया शर्मा का आरोप है कि उन्होंने रेणुका से अपनी स्क्रिप्ट वापस मांगी तो उन्हें वापस नहीं दी गई जिसके बाद मैंने पांचाली से संपर्क किया तो उन्होंने भी बहाने बनाते हुए और अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए उन्हें जवाब दिया। प्रिया शर्मा कहती है कि साल 2015 में उन्होंने इस बाबत रणदीप की मां से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि उनके पति ने यह स्क्रिप्ट पड़ी लेकिन उन्हें समझ नहीं आई। इतना ही नहीं उन्होंने रणदीप की मां से इस स्क्रिपट को वापस करने की गुजारिश तक की लेकिन उन्होंने कठोर लहजे में इसे मना कर दिया।
नोटिस में आगे कहा गया कि रणदीप के रिश्ते में भाई मनदीप हुड्डा से भी इस बात को लेकर संपर्क किया गया तो उन्होंने मदद करने की जगह स्क्रिप्ट वापस ना लेने का दबाव बनाया और उन्हें धमकाया भी। वहीं खुद को जाट बताते हुए उनके द्वारा जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया गया। लेखिका का कहना है कि बीते 2 वर्षों के दौरान लगातार वह इस मामले को लेकर केंद्रीय मंत्रालय, महाराष्ट्र पुलिस, सीएमओ महाराष्ट्र, सूरत पुलिस, गुजरात राज्य पुलिस से शिकायत कर रही है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
वही प्रिया शर्मा के वकील ने जारी नोटिस में कहा है कि प्रिया शर्मा का करियर पूरी तरह से बिखर गया है, जिसके कारण उन्हें मानसिक पीड़ा, शारीरिक पीड़ा और अपमान के अलावा फाइनेनशियल लॉस भी झेलना पड़ रहा है। लिहाजा 15 दिन के भीतर ही उनकी सभी स्क्रिप्ट वापस लौटाई जाए और उन्हें 10 करोड़ का बतौर मुआवजा भी दिया जाए, वही सोशल मीडिया पर सार्वजनिक तौर पर माफी भी मांगी जाए।