सयानी गुप्ता का दिल्ली से पुराना नाता है। ऐसे में दिल्ली के बारे में बात करते हुए सयानी ने कहा, ‘अब दिल्ली काफी बदल गई है और दिल्ली अब पहले जैसे नहीं रही है। अब जब वो दिल्ली आती हैं तो बाहर जाने की जगह वो घर पर ही रहना पसंद करती हैं। सयानी को लगता है कि, ‘शहर बहुत बदल गया है। दिल्ली अब पहली जैसी नहीं रही। अब आप जो भी पहनते हैं, उसके बारे में सोचना पड़ता है। मेरे कॉलेज के दिनों में ऐसा बिल्कुल नहीं था। मैंने उस दौरान (2004-2007) बैकलेस टॉप पहन कर डीटीसी बसों में यात्रा की है और तब ऐसा कोई डर नहीं था।’
वहीं अपने कॉलेज के दिनों के बारे में बात करते हुए सयानी ने कहा, ‘कॉलेज में मेरे शुरुआती वर्ष शानदार थे, क्योंकि एलएसआर एक करिश्माई स्थान था। जब मैं दिल्ली में काम कर रही थी, तब भी कई कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया करती थी। मैं रात में साढ़े नौ से 10 बजे के आसपास प्रगति मैदान के बाहर कई बाहर टहली हूं। अब तो यह सोचा भी नहीं जा सकता। अब तो शायद कोई सेकेंड्स में ही आपको उठा ले जाएगा।’