संजय लीला भंसाली अपनी फिल्मों में वेश्याओं, वेश्यालयों और रेड लाइट की दुनिया को क्यों दिखाते हैं?
बॉलीवुड इंडस्ट्री को ऐतिहासिक फिल्में देने वाले बड़े निर्देशक संजय लीला भंसाली अक्सर ऐसी फिल्में बनाते हैं, जो लोगों की लाइफ से इंस्पायर होती है. शायद इसलिए ही उनकी फिल्मों पर इतना विवाद होता है. भंसाली ने कई फिल्में वेश्याओं, वेश्यालयों और रेड लाइट की दुनिया पर बनाई हैं, जिसके बारे में उन्होंने इंटरव्यू के दौरान बात भी की.
संजय लीला भंसाली अपनी फिल्मों में वेश्याओं, वेश्यालयों और रेड लाइट की दुनिया को क्यों दिखाते हैं?
बॉलीवुड में कई फिल्में बनती हैं. कोई चलती हैं तो कोई थम जाती है. कोई फिल्म एक हफ्ते में ही हिट हो जाती है तो कोई हफ्तों बाद भी ठप ही रहती हैं. लोगों को कैसी फिल्में देखना पसंद इस बात का अंदाजा हर फिल्म निर्देशक नहीं लगा पाता, लेकिन अगर ये कला किसी के पास है जो जानता है कि लोगों क्या देखना पसंद करेंगे, कैसी फिल्म बनाई जा सकती है, फिल्म को कितनी कॉन्ट्रोवर्सी का सामना करना पडेगा और फिर भी उस फिल्म को बनाता है तो वो हैं बॉलीवुड के मशहूर निर्देशक संजय लीला भंसाली, जो हमेशा से ही इंडस्ट्री को ऐतिहासिक फिल्में देते आए हैं.
संजय लीला भंसाली अक्सर ऐसी फिल्में बनाते हैं, जो लोगों की लाइफ से इंस्पायर होती है और यही वो वजह है कि उनकी फिल्म को विवादों का सामना करना पड़ता है. हाल में संजय लीला भंसाली ने आलिया भट्ट को लेकर ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ बनाई है, जो रिलीज हो चुकी हैं. साथ ही दर्शकों को काफी पसंद भी आ रही है. इस फिल्म पर भी काफी बवाल हुआ था, लेकिन इससे फिल्म को और भंसाली को खास असर नहीं पड़ा था. फिल्म को अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है ये इस बात को साबित करता है, लेकिन वो अक्सर ही ऐसी स्टोरी को चुनते हैं, जो दुनिया की सोच से परे होता है.
संजय लीला भंसाली ने अपनी ज्यादा तर फिल्में वेश्याओं, वेश्यालयों और रेड लाइट की दुनिया पर बनाई है. वो इन फिल्मों को क्यों इतना तवज्जो देते हैं इस बात का खुलासा उन्होंने अपने एक इंटरव्यू के दौरान दिया. अपने इंटरव्यू के दौरान भंसाली ने बताया कि ‘वो मुंबई के रेड लाइट एरिया कमाठीपुरा के करीब एक चॉल में पले-बढ़े हैं. उन्होंने वहां का महोल देखा है’. उनकी ये फिल्म भी एक वेश्यालय मैडम पर आधारित है. भंसाली ने कहा कि ‘आप एक बच्चे के रूप में जो देखते हैं उसके लिए आप संवेदनशील हो जाते हैं’.
उन्होंने आगे कहा कि ‘कैसे किसी भी इंसान की कीमत 20 रुपये हो सकती है? यही बातें हैं, जो मेरे जेहन में हमेशा बनी रही हैं, लेकिन मैं उन्हें पूरी तरह नहीं बता सका. मैं उन्हें फिल्म ‘देवदास’ में चंद्रमुखी के जरिए ढूंढ रहा था’. अपने इंटरव्यू के दौरान वो काफी भावुक भी हुए और कहा कि ‘हम अपने आप में अमूल्य हैं, हमें टैग नहीं किया जा सकता है. हमें 5 रुपये या 20 रुपये या 50 रुपये में नहीं बेचा जा सकता है. ये अमानवीय है’.
बता दें कि संजय लीला भंसाली की अगली आने वाली वेब सीरीज ‘हीरामंडी’ है, ये नेटफ्लिक्स पर रिलीज होगी और खास बात ये है कि इसमें भी इसी तरह की दुनिया देखने को मिलनेगी.