ये भी पढ़े- फिल्मों में अपना जादू बिखेरने से पहले पंडिताई किया करते थे पंकज त्रिपाठी, दक्षिणा में मिली सिनेमा की एंट्री एक्टिंग में अपना हाथ अजमाने से पहले मैं असिस्टेंट था और उससे पहले मैं मॉडलिंग किया करता था और यह उस वक्त की बात है जब ना मेरे पास हाइट हुआ करती थी और ना ही बॉडी और कोई पर्सनैलिटी भी नहीं थी। उस वक्त में मोहल्ले का दादा, पुलिस इंस्पेक्टर, लोहे जैसी फिल्में बना करती थी, जिसमें मेरे फिट होने का कोई चांस ही नहीं रहता था। आगे सलमान खान बताते हैं कि उस दौर में मैं बतौर हीरो परफेक्ट नहीं हुआ करता था। मेरा वजन उस वक्त 48 किलो था। जब भी मैं स्क्रिप्ट लेकर जिस किसी के पास भी जाता था उनसे मुझे सिर्फ यही सुनने मिलता था कि तुम अभी यंग हो एक्टिंग में क्यों नहीं ट्राई करते। लेकिन मैं फिर भी अपनी स्क्रिप्ट लेकर दरबदर भटकता रहता था और पूरी कोशिश किया करता था कि कहीं तो मुझे डायरेक्टर बनने का चांस मिल जाए।
ये भी पढ़े- कभी बॉलीवुड की शान कहे जाने वाले ये एक्टर्स अपनी जिंदगी के आखिरी दिनों में हुए एक-एक पैसे को मोहताज, हुई खौफनाक मौत वहीं कुछ समय बाद ‘बीवी हो तो ऐसी’ फिल्म का मुझे ऑफर आया, जिसकी स्क्रिप्ट को सुनकर मैंने उसे तुरंत साइन कर दिया। फिल्म की कहानी काफी अच्छी लगी थी, वही जब इस फिल्म का काम मैंने देखा तो मैंने यही दुआ मांगी थी इस फिल्म को कोई ना देखें क्योंकि मैं बहुत बुरा दिख रहा था। इसके बाद मैंने मैंने प्यार किया।बता दें कि एक इंटरव्यू के दौरान सलमान खान के पिता सलीम खान ने कहा था कि वह अपनी तीनों बेटों में से किसी एक बेटे को क्रिकेटर बनाना चाहते थे। सलीम खान ने बताया था कि उनके पूरे परिवार को क्रिकेट देखने का बड़ा शौक है और वह इसमें काफी इंटरेस्ट भी रखते हैं, लेकिन उनका यह ख्वाब ख्वाब ही रह गया।