तो वहीं सलमान खान ( SAlman Khan) ने एक इंटरव्यू में कहा था, ‘किसी बच्चे को आप गरीबी से उठाकर ऐसी शिक्षा दें तो वह क्या करेंगे। सभी लड़के 18 से 23 साल के बीच थे। एक ने कहा मुझे डेढ़ लाख रुपए मिले। वह ये इस्लाम के लिए नहीं कर रहे हैं। इस्लाम में ये सब नहीं है। बकौल सलमान, ‘आप या तो इन लोगों की बात सुने या फिर हजरत मोहम्मद ने कुरान और हदीस में सिखाया है उसे फॉलो करें। जिन्होंने आतंकियों को ट्रेनिंग दी, नफरत करना सिखाया, जिसने फाइनेंस किया उन्हें पकड़ना चाहिए।’
तो वहीं साल 2008 में एक इंटरव्यू में शाहरुख खान ने मुंबई हमले पर कहा था, ‘तकरीबन कोई दो साल पहले मुझे कोई कहता कि आतंकवाद का इस्लाम से ताल्लुक है तो मैं मना कर देता लेकिन, अब मुझे समझ आ गया है कि आतंकवादी जिस इस्लाम को मानते हैं वह हमारा इस्लाम नहीं है। एक अल्लाह की आवाज है जो हमारी कुरान में लिखी है। उसमें कही भी ऐसा नहीं है।
शाहरुख खान आगे कहते हैं, ‘कुरान में लिखा है, ‘अगर आप मेरे एक इंसान को सही करते है तो पूरी मानवता पर उपकार करते हैं। अगर आप मेरे एक इंसान को दर्द पहुंचाते हैं तो मेरी पूरी मानवता को दर्द पहुंचाते हैं। अगर लड़ाई में भी है तो औरत, बच्चा, जानवर और फसल को नष्ट न करें। ये अल्लाह की जुबानी है। ये लोग जिस इस्लाम को फॉलो कर रहे हैं वह मुल्ला की जुबानी है। हमारे युवा पीढ़ी को सारी धार्मिक किताब का सही मायना सिखाना चाहिए।’