सलमान खान साल 2017 में आई अपनी फिल्म ‘ट्यूबलाइट’ के प्रमोशन ईवेंट के दौरान बताया है कि उन्हें ‘ट्राइजेमिनल न्यूरालजिया’ नामक एक खतरनाक न्यूरोलॉजीकल बीमारी है। बताया गया कि सलमान के सिर में इतना तेज दर्द होता कि उन्हें बिजली के झटके का अहसास होता था। इस खतरनाक बीमारी के इलाज के लिए वह अमेरिका गए और स्वस्थ्य होकर लौट आए। यह बीमारी इतनी खतरनाक है कि इसे सुसाइडल डिजीज भी कहा जाता है। इसका शिकार व्यक्ति दर्द के कारण आत्महत्या करने की सोचने लगता है। सलमान ने बताया कि उन्हें भी इस बीमारी के कारण कई बार सुसाइड करने का विचार आया था।
सलमान साल 2001 से ही एक बेहद दुर्लभ बीमारी ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया से पीड़ित थे। हालांकि वह अब इस बीमारी से उबर चुके हैं लेकिन सलमान खान अब भी बहुत अधिक गुस्सा नहीं हो सकते, क्योंकि गुस्सा करने से उनकी नसों को दिक्कत होती है।
क्या है ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया?
ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया एक प्रकार का क्रोनिक रोग है जो ‘ट्रेजमिनल नर्व’ को प्रभावित करता है। जो आपके फेस से आपके दिमाग तक सिग्नल पहुंचाने का काम करती है। इसमें बहुत ही नाज़ुक गति के कारण भी चोट आ जाती है। जैसे यदि आप ब्रश करते हैं या मुंह पर मेकअप करते हैं तो भी इसका दर्द ज्यादा बढ़ जाता है। शुरू में तो आपको छोटे व नाजुक अटैक आते हैं। लेकिन बाद में यह ज्यादा बढ़ जाते हैं। इस बीमारी में चेहरे के किसी खास हिस्से में चाकू मारने या बिजली का करंट लगने जैसा तेज दर्द महसूस होता है।
यह दर्द ट्राइजेमिनल नाम की नस में होने वाले दर्द की वजह से होता है। यही वह नस है जो चेहरे, आंख, साइनस और मुंह में होने वाली किसी भी तरह की फीलिंग, टच और दर्द के अहसास को ब्रेन तक कैरी करती है। यह ज्यादातर उन लोगों में देखने को मिलते हैं जो 50 साल से अधिक हैं। यदि आपको यह समस्या है तो इसका मतलब यह नहीं है कि इस स्थिति में आपको पूरी जिंदगी ही दर्द में गुजारनी पड़ेगी, बल्कि डॉक्टर दवाइयों, इंजेक्शन व सर्जरी के द्वारा आपको ठीक कर सकते हैं।
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क्या है ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया?
ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया एक प्रकार का क्रोनिक रोग है जो ‘ट्रेजमिनल नर्व’ को प्रभावित करता है। जो आपके फेस से आपके दिमाग तक सिग्नल पहुंचाने का काम करती है। इसमें बहुत ही नाज़ुक गति के कारण भी चोट आ जाती है। जैसे यदि आप ब्रश करते हैं या मुंह पर मेकअप करते हैं तो भी इसका दर्द ज्यादा बढ़ जाता है। शुरू में तो आपको छोटे व नाजुक अटैक आते हैं। लेकिन बाद में यह ज्यादा बढ़ जाते हैं। इस बीमारी में चेहरे के किसी खास हिस्से में चाकू मारने या बिजली का करंट लगने जैसा तेज दर्द महसूस होता है।
यह दर्द ट्राइजेमिनल नाम की नस में होने वाले दर्द की वजह से होता है। यही वह नस है जो चेहरे, आंख, साइनस और मुंह में होने वाली किसी भी तरह की फीलिंग, टच और दर्द के अहसास को ब्रेन तक कैरी करती है। यह ज्यादातर उन लोगों में देखने को मिलते हैं जो 50 साल से अधिक हैं। यदि आपको यह समस्या है तो इसका मतलब यह नहीं है कि इस स्थिति में आपको पूरी जिंदगी ही दर्द में गुजारनी पड़ेगी, बल्कि डॉक्टर दवाइयों, इंजेक्शन व सर्जरी के द्वारा आपको ठीक कर सकते हैं।
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फिल्म ‘बॉडीगार्ड’ की रिलीज के वक्त यानी वर्ष 2011 के अगस्त महीने में असहनीय दर्द की वजह से सलमान खान को इसकी सर्जरी के लिए लॉस एंजिल्स जाना पड़ा। वहां सर्जरी के बावजूद सलमान खान को डॉक्टर ने कई तरह की सावधानी बरतते को कहा था। हालांकि, अब वह इस बीमारी से उबर चुके हैं। उन्होंने इसे कभी भी खुद पर हावी नहीं होने दिया। जाहिर है फैंस भी उनकी इस हिम्मत की दाद देते होंगे। यह भी पढ़ें