Katrina Kaif से लेकर Akshay Kumar तक इन बॉलीवुड स्टार्स के लिए मुसीबत बने फैंस, शादी से लेकर मरने तक के लिए कर चुके हैं ‘ब्लैकमेल’
अमजद खान (Amjad Khan)
फिल्म ‘शोले’ के गब्बर सिंह तो आप सभी को याद ही होंगे. इस लिस्ट में गब्बर का किरदार निभाने वाले अमजद खान का नाम सबसे पहले आता है. गब्बर सिंह का किरदार इतना फेमस और पसंद किया गया, जो आजकर सभी के जहन में जिंदा है. भले ही आज इस किरदार को निभाने वाले अमजद हमारे बीच नहीं र
विनोद खन्ना (Vinod Khanna)
फिल्म ‘मेरा गांव मेरा देश’ में विनोद खन्ना ने एक दमदार डाकू की भूमिका निभाकर अपने नाम को अमर कर लिया. इस फिल्म की कहानी डाकुओं के इर्द-गिर्द ही घूमती है. इस फिल्म में विनोद खन्ना के अलावा धर्मेंद्र और आशा पारेख भी लीड रोल में नजर आ रहे हैं. इस रोमांटिक एक्शन ड्रामा फिल्म को काफी पसंद किया गया था.
धर्मेंद्र (Dharmendra)
फिल्म ‘पत्थर और पायल’ में भी धर्मेंद्र और विनोद खन्ना की जोड़ी देखने को मिली थई, जिन्होंने एक बार फिर डकैतों की भूमिका निभाई थी. फिल्म की कहानी के अनुसार दोनों अपने माता-पिता की मौत के बदले की आग में डकैत बन जाते हैं. हालांकि, डकैत के किरदार में विनोद खन्ना एक विलेन बन जाते हैं, जबकि धर्मेंद्र फिल्म में पॉजिटिव कैरेक्टर निभाते नजर आते हैं.
सुनील दत्त (Sunil Dutt)
फिल्म ‘मुझे जीने दो’ में सुनील दत्त ने डाकू जरनैल सिंह का किरदार निभाकर खूब वाह-वाही बटोरी थी. कहानी के मुताबिक जरनैल सिंह सादगी भरा जीवन जीना चाहता था, लेकिन उसके अतीत ने उसका पीछा नहीं छोड़ा और वो समय के साथ डाकू बन जाता है. इसके अलावा सुनील दत्त फिल्म ‘रेशमा और शेरा’ में भी डाकू के किदार में नजर आ चुके हैं. इस फिल्म को उन्होंने प्रोड्यूस किया था. ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से फ्लॉप हुई थी.
सनी देओल (Sunny Deol)
सनी देओल ने अपने करियर की शुरूआत फिल्म ‘डकैत’ में एक डकैत का किरदार निभाकर ही की थी. इस फिल्म ने सनी देओल को 90 के दशक का एक बड़ा सुपरस्टार बना दिया था. फिल्मकी कहानी के मुताबिक उनके परिवार को एक जमींदार ने प्रताड़ित किया और आखिर में उनको मौत के घाट उतार दिया, जिसके बदले की आग में एक्टर डकैत बन जाते हैं.
इरफान खान (Irrfan Khan)
फिल्म ‘पान सिंह तोमर’ में इरफान खान ने एक डकैत की भूमिका निभाई थी, जिसके खूब तारीफ बटोरी थी. इस फिल्म में उनके बागी किरदार की एक्टिंग को कभी भुलाया नहीं जा सकता. ये फिल्म एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के एथलीट की सच्ची घटना पर आधारित है, जो भारतीय कानून-व्यवस्था से परेशान आकर डकैत बन जाता है. तिग्मांशु धूलिया की फिल्म को 60वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म और सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार मिला और इसे 2012 की सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में से एक के रूप में सम्मानित किया गया.