अप्रैल में दर्शकों को मिलेगा एंटरटेनमेंट का तगड़ा डोज, रिलीज होने जा रही हैं ये बड़ी फ़िल्में
धुंद: द फ़ॉग (Dhund: The Fog)साल 2003 में रिलीज हुई फिल्म ‘धुंद: द फ़ॉग’ एक अमेरिकन फ़िल्म ‘I Know What You Did Last Summer’ की रीमेक थी. इसका निर्देशन श्याम रामसे ने किया था. इस फ़िल्म में अमर उपाध्याय (Amar Upadhyay), अदिति गोवित्रिकर (Amar Upadhyay), अपूर्व अग्निहोत्री (Apoorva Agnihotri) और इरफान खान (Irrfan Khan) मुख्य भूमिका में नजर आए थे.
साल 1989 में रिलीज हुई रामसे प्रोडक्शन की फ़िल्म ‘पुरानी हवेली’ में जब भूत का चेहरा देखने को मिलता था तो चीख निकल जाया करती थी. इस फिल्म में दीपक पाराशर (Deepak Parashar) और अमिता नांगिया (Amita Nangia) मुख्य भूमिका में नजर आए थे. इस फिल्म की कहानी एक पुरानी भूतिया हवेली के ईर्द-गिर्द घूमती है.
साल 1990 में आई फिल्म ‘बंद दरवाज़ा’ उस दौर की सबसे डरावनी फिल्म मानी जाती थी. इस फिल्म को अकेले देख पाना नामुमकिन था. रामसे प्रोडक्शन में बनी इस फ़िल्म में अरुणा ईरानी (Aruna Irani) नजर आई थीं.
साल 1981 की फिल्म ‘सन्नाटा’ में एक हॉरर मर्डर मिस्ट्री थी. इसमें सारिका (Sarika), विनोद मेहरा (Vinod Mehra), हेलेन (Helen), बिंदिया गोस्वामी (Bindiya Goswami) और टुनटुन (Tuntun) मुख्य भूमिका में नजर आए थे. ये भी काफी डरावनी मूवी थी.
साल 1972 में रिलीज हुई फिल्म ‘दो गज जमीन के नीचे’ एक हॉरर ड्रामा फिल्म थी. इसको देखने के बाद भी रात में निंद नहीं आती थी. इस फिल्म को देखने के बाद डर की कोई सीमा नहीं रही थी. फिल्म में सत्यन कप्पू (Satyan Kappu), धूमल (Dhumal) और हेलन (Helen) मुख्य भूमिका में थे.
साल 1987 में रिलीज हुई फिल्म ‘डाक बंगला’ को केशू रामसे ने डायरेक्ट किया था. इसमें जीत (Jeet), मजहर ख़ान (Mazhar Khan) और राजेंद्र नाथ (Rajendra Nath) मुख्य भूमिका में नजर आए थे.
साल 1984 में रिलीज हुई फिल्म ‘पुराना मंदिर’ फिल्म तो आपने देखी ही होगी. इस फिल्म में सामरी नाम के शैतान के ईर्द-गिर्द घूमती है. फ़िल्म में मोहनीश बहल (Mohnish Behl), पुनीत इस्सर (Puneet Issar), सदाशिव अमरापुरकर (Sadashiv Amrapurkar) और आरती गुप्ता (Aarti Gupta)मुख्य भूमिका में थे.
साल 1988 में रिलीज हुई फिल्म हेमंत बिर्जे (Hemant Birje) और जैस्मीन (Jasmine) की फिल्म ‘वीराना’ उस दौर की सबसे डरावनी फिल्म हुआ करती थी. उस समय में इस फिल्म को देख पाना आसान काम नहीं माना जाता था. इसमें एक तांत्रिक और लड़की की कहानी थी जो उसे अपने वश में कर लेता है.
साल 1981 में रिलीज हुई ठाकुर रणजीत सिंह और काजल की ज़िदगी पर बनी ये फिल्म ‘घुंघरू की आवाज’ एक हॉरर फिल्म थी. फिल्म में विजय आनंद (Vijay Anand), रेखा (Rekha), धीरज कुमार (Dheeraj Kumar)और लीला मिश्रा (Leela Mishra) मुख्य भूमिका में नजर आए थे.
साल 1986 में आई ठाकुर सुरजीत सिंह और उनकी संपत्ति के बंटवारे पर बनी ये फिल्म ‘तहखाना’ भी बेहद हॉरर फिल्मों में गिनी जाती थी. इसमें आरती गुप्ता (Aarti Gupta) और हेमंत बिर्जे (Hemant Birje) मुख्य भूमिका में नजर आए थे.