उन्होंने कई फिल्मों में ऐसे विलेन्स का किरादर निभाया है, जो आज भी लोगों के जहन में कहीं न कहीं मौजूद है. रामी रेड्डी के किदारों को कभी किसी दूसरी फिल्म के खलनायकों के साथ जोड़ा नहीं जा सकता, क्योंकि उनके अभिनय में वो झलक नजर आया करती थी, जो लोगों के जहन में उनका डर बैठाने के लिए काफी हुआ करती थी. उनकी एंट्री के साथ सुनाई देने वाला बैकग्राउंड म्यूजकि उनकी एंट्री को और खौफनाक बना देता था. रामी ने कभी कर्नल चिकारा बनकर लोगों को डराया तो कभी अन्ना बनकर हीरो की रातों की नींद को उड़ाया.
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आज हम आपको उन्हीं के बारे में कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं. रामी रेड्डी का जन्म आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित गांव वाल्मीकिपुरम में हुआ था. उनका असली नाम गंगासानी रामी रेड्डी था. रामी रेड्डी ने हैदराबाद में अपनी पढ़ाई की, लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि वो शुरूआत से ही एक पत्रकार हुआ करते थे और उसके पास पत्रकारिता की डिग्री भी थी. रामी को एक्टिंग करना पसंद था. उन्होंने अपनी किस्मत पहले तेलुगू फिल्मों में आजमाई. उनकी फिल्में और करिदार काफी हिट हुए. इसके बाद रामी ने हिंदी फिल्मों में भी काम करना शुरू किया.
रामी रेड्डी को पहले हिंदी फिल्मों में आम सा किरदार मिला करता था, जिसको कोई नोटिस ही नहीं किया करता था. इसके बाद उनको फिल्मों में विलेन का किरदार मिलना शुरू हुआ, जिसको उन्होंने बखूबी निभाया और विलेन के किरदार में रेड्डी इंडस्ट्री पर छा गए. इतना ही नहीं रामी रेड्डी के बारे में कहा जाता था कि ‘वे भले ही फिल्मों में विलेन बनते हो, लेकिन असल जिंदगी में एक्टर काफी नर्म दिल और सुलझे हुए व्यक्ति थे, लेकिन उनके खूंखार विलेन के रोल्स का ऐसा असर था कि लोग रियल लाइफ में भी उनसे डरने लगे थे’. रेड्डी ने अपने करियर में करीब 250 फिल्मों में काम किया.
रामी रेड्डी का फिल्मी करियर बेहतरीन चल रहा था और उन्हें काम की कोई कमी नहीं थी, लेकिन उनकी जिंदगी में दुखों का पहाड़ तब टूटा जब वो एक गंभीर बीमारी की चपेट में आ गए. बताया जाता है कि रेड्डी को एक भयंकर लीवर से जुड़ी बीमारी हो गई थी, जिसके चलते वे बेहद ज्यादा बीमार रहने लगे थे. रामी सालों बाद जब एक इवेंट में पहुंचे तो लोगों ने उन्हें पहचान ही नहीं पाए, जिसकी वजह से उनके शरीर में केवल हड्डियां ही दिखने लगी थीं. बीमारी से जूझते हुए साल 2011 में रामी रेड्डी दुनिया को अलविदा कह दिया. सबसे बड़े दुख की बात ये है कि रामी के आखिरी समय में उनसे मिलने फिल्म इंडस्ट्री से कोई नहीं पहुंचा था.