एक्टर सुनील लहरी ने ट्विटर पर एक वीडियो के माध्यम से बताया कि जब 14 वर्ष के वनवास के दौरान उन्हें नदी पार करने वाले सीन कर रहे थे, नदी पार करने के लिए निषादराज हमें छोड़ कर जाते हैं, नाव में रामजी, सीता जी बैठे हैं और मैं नाव चला रहा हूं। ऐसे में निर्माता सागर साहब ने बोला था जब तक मैं कट ना बोलूं तब तक चलाते जाना। मैं नाव चलाते गया, लेकिन जब देखा कि काफी देर हो गई है और कट नहीं बोला तो मैंने धीरे से पीछे मुड़कर देखा, तो महसूस किया कि कट हो चुका था और आधी यूनिट जा चुकी थी, अब सोच लीजिए हम लोगों का क्या हाल हुआ होगा। हम नदी के बीच फंस गए थे, हमने बहुत जोर से आवाज दी भाई हमें निकालो, फिर दो लोग आए , वह हमें निकाल रहे थे तब मैंने सोचा इससे अच्छा मौका नहीं मिलेगा ,मैंने अपनी बिग निकाली और ड्रेस के साथ ही नदी में कूद गया, आधा घंटा नहाया और पूरी गर्मी उतार ली ।
इसी एपिसोड का दूसरा किस्सा है जब निषादराज और आर्य सुमंत बैठकर बातें कर रहे हैं, काफी सीरियस बातें थी, निषादराज आर्य सुमंत को समझाने की कोशिश करते हैं कि आप जाइये, उसी समय जब नीचे बैठते हैं तो आर्य सुमंत की धोती फट जाती है, मैं बता नहीं सकता कितना सीरियस सीन चल रहा था, की अचानक माहौल एकदम लाइट हो गया। इसके बाद दूसरी धोती आई फिर शूटिंग शुरू हुई।