बतादें आरोपी ए.जी. पेरारिवलन (AG Perarivalan) ने राजीव गांधी की हत्या करने के लिए नौ वोल्ट की दो बैटरियां उपलब्ध कराई थी जिसका विस्फोटक में उपयोग किया गया था। यह आरोप सिद्ध होने के बाद सजा हुई और अभियुक्त को 19 साल की उम्र में आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी थी।
सज़ायाफ्ता पेरारिवलन चेन्नई की पुझल सेंट्रल जेल (Pujhal Central Jail) में बीते 29 सालों से बंद है। और उसके वकील नीलेश उके ने पिछले सप्ताह बंबई हाई कोर्ट में अर्जी देकर सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी है, जबकि महाराष्ट्र के जेल विभाग से सवाल पूछा था लेकिन जवाब हासिल करने में सफलता नहीं मिल पाई थी।
संजय दत्त समय से पहले हुए थे रिहा
आपको बतादें मुंबई बम धमाकों(Mumbai bomb blasts) में संजय दत्त पर आरोप सिद्ध होने के बाद सन 2006-2007 में विशेष अदालत ने संजय दत्त को छह साल के कारावास की सजा सुनायी थी। उच्चतम न्यायालय ने भी इस फैसले को बरकरार रखा, लेकिन बाद में सजा की अवधि घटा कर पांच साल कर दी गई थी।
2013 के मई के महीने में एक्टर संजय दत्त ने सरेंडर किया था जिसके बाद उन्होंने पुणे के यरवदा जेल में अपनी सजा पूरी की थी। लेकिन सजा काटने के दान शूटिंग से लेकर और कई मामलो में उन्हें छुट्टी और पेरौल पर छोड़ दिया गया इसके बाद सजा की तारीख पूरी ना होने के पहले ही 25 फरवरी, 2016 को उन्हें 256 दिन पहले ही जेल से रिहा करने की अनुमति दे दी गई।
याचिकाकर्ता ने पूछे ये सवाल
पेरारिवलन (AG Perarivalan) ने मार्च 2016 में एक याचिका दायर करते हुए ये सवाल उठाए कि संजय दत्त की समय से पूर्व रिहाई करने से पहले केंद्र और राज्य सरकार की राय ली गयी थी या नहीं। लेकिन उनके सवलों का कोई जवाब नही मिला। इसके बाद उन्होंने अपीलीय प्राधिकरण के पास जाकर दरवाजा खटखटाया। लेकिन वहां पर जाकर भी उन्हें यह कहते हुए सूचना देने से इनकार कर दिया कि इसका संबंध तीसरे व्यक्ति से है। फिर वह राज्य सूचना आयोग पहुंचा जिसने ‘अपर्याप्त और अस्पष्ट’ आदेश जारी किया। जब उसे पूर्णत: संतोषजनक जवाब कही से नही मिला तब वह उच्च न्यायालय की शरण में आया है। अब अगले सप्ताह पेरारिवलन की अर्जी पर सुनवाई होने की संभावना है।