बस कंडक्टर से कैसे बने रजनीकांत
रजनीकांत के घर की आर्थिक स्थिति बेहद ही खराब होने की वजह से उन्होंने शुरुआत में कुली से लेकर कंडक्टर तक का काम किया। बस कंडक्टर की नौकरी मिलने पर उन्हें थोड़ी राहत मिली, लेकिन उस समय कंडक्टर की नौकरी में उन्हें मात्र 750 रुपये महिना रोजगार मिलता था। बसों में टिकट काटने और सीटी बजाने के उनके निराले अंदाज ने एक निर्देशक का दिल जीत लिया और उसी समय उस निर्देशक ने रजनीकांत को अपनी फिल्म में काम करने का ऑफर दे डाला।
रजनीकांत का फिल्मी सफर
रजनीकांत का सुपरस्टार बनने का सफर काफी मुश्किल भरा रहा। साल 1974 में रजनीकांत ने फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा और ‘अपूर्व रागंगल’ उनकी पहली फिल्म थी। हीरो बनने के साथ ही रजनीकांत ने विलेन का भी रोल बखूबी निभाया। ‘ओरु केलविकुरी’ बतौर हीरो उनकी पहली फिल्म थी। रजनीकांत की कई फिल्में सुपरहिट हुईं जिनमें शामिल हैं बाशा, मुथु, अन्नामलाई, अरुणाचलम, थलाइवा।
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टॉलीवुड हो या बॉलीवुड रजनीकांत के फैंस पूरी दुनिया में हैं। उनका नाम गिनीज बुक में भी दर्ज है। रजनीकांत की फैन फॉलोइंग इतनी तगड़ी है कि उनकी फिल्में रिलीज होने से पहले ही करोड़ों कमा लेती हैं। दक्षिणी सिनेमा में रजनीकांत को भगवान माना जाता है। उनके फैंस को आज भी रजनीकांत की फिल्मों का बेसब्री से इंतजार रहता है।
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