राजेश खन्ना शुरूआती दौर में रंगमंच से जुड़े और बाद में यूनाईटेड प्रोड्यूसर एसोसिएशन द्वारा आयोजित ऑल इंडिया टैलेंट कान्टेस्ट में भाग लेकर जीत हासिल की। राजेश खन्ना ने साल 1966 में चेतन आंनद की फिल्म ‘आखिरी खत’ से बॅालीवुड में डेब्यू किया।
लेकिन इस फिल्म के बाद लगातार तीन साल तक वह फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने के लिए संघर्ष करते रहे। इसके बाद राजेश खन्ना की निर्देशन शक्ति सामंत की फिल्म अाराधना से उनकी किस्मत चमकी। बेहतरीन गीत-संगीत और अभिनय से सजी इस फिल्म की ‘गोल्डन जुबली’ कामयाबी ने राजेश खन्ना को ‘स्टार’ के रूप में स्थापित कर दिया।
‘अराधना’ के बाद से अभिनेता राजेश खन्ना शक्ति सामंत के प्रिय हो गए। यही कारण था कि उन्हें शात्ति के साथ ‘कटी पतंग’, ‘अमर प्रेम’, ‘अनुराग’, ‘अजनबी’, ‘अनुरोध’ और ‘आवाज’ में काम करने का मौका मिला।
क्या आप जानते हैं कि उस जमाने में राजेश खन्ना की लड़कियां इस कदर दीवानी थी वे उन्हें अपने खून से प्रेम पत्र लिखा करती थी और उससे ही अपनी मांग भर लिया करती थी।
1972 में ही प्रदर्शित फिल्म ‘आनंद’ में राजेश खन्ना के अभिनय का नया रंग देखने को मिला। ऋषिकेश मुखर्जी निदेर्शित इस फिल्म में राजेश खन्ना बिल्कुल नये अंदाज में देखे गए। इसके बाद वर्ष 1969 से 1976 के बीच कामयाबी के सुनहरे दौर में राजेश खन्ना ने जिन फिल्मों में काम किया उनमें अधिकांश फिल्में हिट साबित हुईं।
1985 में आई फिल्म ‘अलग अलग’ के जरिये राजेश खन्ना ने निर्माण के क्षेत्र में भी कदम रख दिया। उनके सिने कॅरियर में उनकी जोड़ी अभिनेत्री मुमताज और शर्मिला टैगोर के साथ काफी पसंद की गई।
राजेश खन्ना ने ‘दो रास्ते’,’ सच्चा झूठा’, ‘आन मिलो सजना’, ‘अंदाज दुश्मन’,’ अपना देश’, ‘आप की कसम’, ‘प्रेम कहानी’, ‘सफर’, ‘दाग’, ‘खामोशी’, ‘इत्तेफाक’,’ महबूब की मेहदी’, ‘मर्यादा’, ‘अंदाज’, ‘नमकहराम’, ‘रोटी’, ‘महबूबा’, ‘कुदरत’, ‘दर्द’, ‘राजपूत’, ‘धर्मकांटा’, ‘सौतन’, ‘अवतार’, ‘अगर तुम ना होते’, ‘आखिर क्यों’, ‘अमृत’, ‘स्वर्ग’, ‘खुदाई’, ‘आ अब लौट चले’ जैसी फिल्में जैसी कई और बेहतरीन फिल्मों में काम किया।