बता दें कि क्वीन हरीश लड़की बनकर डांस करते थे। वह फोक डांस किया करते थे। उन्होंने जैसलमेर के एक छोटे से गांव से निकलकर इंटरनेशनल स्तर पर अपनी पहचान बनाई। लेकिन यह सफर इतना आसान नहीं था। जब उन्होंने लड़की बनकर डांस करना शुरू किया तो समाज के लोगों ने उन्हें ताने भी मारे। गांव में इस चीज को आज भी अच्छा नहीं समझा जाता कि कोई लड़का एक लड़की का वेष बनाकर स्टेज पर डांस करे। ऐसे में उन्हें ताने भी सहने पड़े और लोगों की आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा। लेकिन इसके बावजूद उन्होंने समाज की परवाह ना करते हुए खुद को साबित किया।
क्वीन हरीश ने पत्रिका एंटरटेनमेंट को दिए एक इंटरव्यू में बताया था कि जब वे 12 साल के थे तो कैंसर की वजह से उनकी मां का निधन हो गया था। इसके 6 माह बाद ही उनके पिताजी का भी देहांत हो गया। क्वीन हरीश ने बताया था, ‘उस वक्त हमारे पास सिर्फ एक पुराना घर था। आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि खाने को भी कुछ नहीं था। माता—पिता के चले जाने के बाद मेरी दो बहनों की जिम्मेदारी मुझ पर आ गई थी।’ इसके बाद उन्होंने अपनी बहनों के पालन—पोषण के लिए काम करना शुरू किया। हरीश को डांस का शौक बचपन से ही था। ऐसे में वे सुबह पोस्ट आॅफिस में काम करते और शाम को विदेशी सैलानियों के सामने लड़की के वेष में डांस करना शुरू कर दिया। इस तरह से हरीश को क्वीन हरीश नाम मिला।