गौरव देवासी राजस्थानी सिनेमा के राइजिंग स्टार हैं। महज 22 साल की उम्र में उन्होंने पढ़ाई के साथ-साथ अपने जुनून को पूरा करने के लिए काफी संघर्ष किया। उन्होंने कई वेब सीरीज में काम किया है। राजस्थान पत्रिका के प्रतीक पांडेय से बात करते हुए एक्टर ने जानकारी दी कि उन्होंने राजस्थानी सिनेमा से जुड़ी 8 फिल्मों में काम किया है। अपने गांव और परिवार का नाम रौशन करने के लिए उनको राजस्थान सरकार की ओर से सम्मानित भी किया गया है। राजस्थान में बेहतरीन काम करने वाले लगभग 500 लोगों को 26 जनवरी को आयोजित प्रोग्राम में प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
उन्होंने कहा की डिजिटल जमाने ने उन सभी लोगो को एक अलग दिशा का मोड़ दिया है। राजस्थानी को प्रदेश की दूसरी राजभाषा और केंद्र से संवैधानिक मान्यता के लिए लंबे समय से मांग चल रही है। इस तरह के संकल्पों से भाषा की मान्यता का आंदोलन मजबूत होगा। गौरव देवासी ने कहा की पूर्व सरकार ने बजट में राजस्थानी फिल्मो को 25 लाख तक का सपोर्ट व जीएसटी में शत प्रतिशत राहत की घोषणा की है। यह कदम उनके लिए संजीवनी बूटी की तरह काम करेगा जो अपनी भाषा को ढेर सारा प्यार देते हुए फिल्में बना रहे है।
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पिछले कुछ सालो से प्रदेश के कलाकार एक ही मांग कर रहे है की उनकी फिल्मो को भी महाराष्ट्र राज्य सरकार के अनुसार सिनेमाघर उपलब्ध हो। और वही राजस्थान में फिल्म सिटी बनने की बहुत सम्भावनाये हैं कई साल पहले पाली जिले के जवाई बांध वाले एरिया को फिल्म सिटी घोषित करने की मांग भी स्थानीय कलाकारों ने सरकार को सौंपी थी।
गौरव ने कहा, ‘ऐसा नहीं है कि राजस्थान में अच्छे कलाकारों या डायरेक्टर्स और प्रोड्यूसर की कमी है। राजस्थान के कलाकारों ने माया नगरी में अपने हुनर का लोहा मनवाया है। राजस्थान के फिल्म मेकर्स यहां के इतिहास और संस्कृति के साथ सामाजिक कुरीतियों पर फिल्म बना रहे हैं। लेकिन फिल्म मेकर्स की मानें तो सरकार की और से जो सहयोग मिलना चाहिए वो नहीं मिल पाता है। हालांकि, अब सरकार सब्सिडी 10 लाख से बड़ा कर 20 लाख कर रही है इससे थोड़ा बहुत लाभ मिलेगा। सरकार को ऐतिहासिक स्थलों को राजस्थानी फिल्म शूटिंग के लिए फ्री कर देना चाहिए। कलाकारों के लिए एक ड्रामा स्कूल या सरकारी संस्थान खुले जिससे नए कलाकार उभर कर सामने आयेंगे।