हाल में इन्होंने इस मामले पर ट्विटर पर एक शायरी साझा की थी, जिसको लेकर अब बवाल मच गया है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘कहीं पेट्रोल वाला बम, कहीं पत्थर निकलता है. कहीं तो आस्तीनों में दबा खंजर निकलता है. फसादी चूहों कोई बिल तलाशो और दुबक जाओ कि पट्टी बांधकर आंखों पे बुलडोजर निकलता है!’.
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वहीं अब उनके इस ट्वीट पर लोग अपनी अपनी प्रतिक्रिया जाहिर कर रहे हैं. एक यूजर ने लिखा ‘अच्छा ये तो उससे पूछो जिसका घर गिरा है. तब भी इतना साहस है तो एक बार अपना भी गिरवा लो पता लग जाएगा. उत्तर प्रदेश में ये बुलडोजर का ही खौफ है कि कोई पत्थर नहीं फेंक पाया. यहां हौसले पस्त हो गए’. वहीं दूसरे यूजर ने लिखा कि ‘वाह भईया! आज का समय बुलडोजर पर ही कविता मांग रहा था. फिर एक आग लगा देगी आपकी कविता, लगने दीजिए. युगों की परिस्थितियां देखकर ही कविताएं भी लिखी जाती होंगी और ये कविता इस युग की मांग है. धन्यवाद’.
वहीं तिसरा यूजर लिखता है ‘मनोज भईया कवि बन के रहिये न उसी में आप अच्छे लगते हैं. अपनी धर्म संस्कृति का प्रचार प्रसार करिये, लोगों को सही सुगम रास्ते का चयन का सुझाव दीजिए. नफरत मत सिखाइये’. बता दें कि ये अभियान हनुमान जयंती पर निकले जुलूस में हुई हिंसा के बाद शुरू किया गया था.