इंडस्ट्री में भेदभाव के चलते सुनीता ने ले लिया था ब्रेक
‘पंचायत 3’ एक्ट्रेस सुनीता राजवार ने कहा कि टीवी सेट्स पर कैरेक्टर आर्टिस्ट या जिन कलाकारों का छोटा रोल होता है, उनके साथ जानवरों जैसा व्यवहार होता है। उन्होंने कहा कि इतना बुरा व्यवहार होता है कि एक वक्त पर उन्होंने एक्टिंग से ब्रेक ले लिया था। मीडिया से बात करते हुए सुनीता राजवार ने बताया कि इंडस्ट्री आमतौर पर एक्टर्स को टाइपकास्ट करती है क्योंकि इस तरह मेकर्स के लिए उन्हें स्लॉट करना आसान होता है। एक्टर्स इन सब चीजों के लिए मान जाते हैं क्योंकि उन्हें पैसों के लिए काम करना होता है। वो अपने रोल को रिजेक्ट करने का रिस्क नहीं ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह दर्दनाक है लेकिन यह एक सच्चाई है।
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इंडस्ट्री में स्टार्स को करना पड़ता है कॉम्प्रोमाइज
सुनीता राजवार ने बड़े एक्टर्स और सपोर्टिंग एक्टर्स के बीच होने वाले भेदभाव के बारे में बात करते हुए कहा कि बड़े एक्टर्स को सेट पर सभी तरह की सुविधाएं मिलती हैं। सपोर्टिंग एक्टर्स को कुछ भी सुविधाएं नहीं मिलती हैं। उन्होंने बताया कि बड़े एक्टर्स को कॉल टाइम उनकी सुविधा के अनुसार मिलता है। उन्होंने कहा कि मैं समझती हूं कि बड़े एक्टर्स को महीने के 30 दिन शूट करना होता है। कभी कभी उन्हें हफ्ते के सात दिन और 24 घंटों शूट करना पड़ता है, लेकिन सेट पर होने वाला भेदभाव ठीक नहीं हैं।
छोटे आर्टिस्ट को हांडगी में रखा जाता है
सुनीता राजवार ने आगे कहा कि अगर आपको पता है कि आप किस आर्टिस्ट के साथ शूट कर रहे हैं तो उन्हें बाद में बुला लीजिए। उन्हें बुलाकर बिठाने का क्या फायदा होता है। इस दौरान उन्होंने टीवी सेट पर कंडीशन पर भी बात की। उन्होंने कहा कि लीड एक्टर्स को पैंपर करके रखा जाता है। उनके कमरे साफ-सुधरे होते हैं। उनके कमरे में फ्रिज, माइक्रोवेव तक होते हैं। मेरे जैसे सपोर्टिंग एक्टर्स और छोटे कलाकारों को छोटे गंदे कमरे दिए जाते हैं जहां तीन से चार लोग बैठे होते हैं। कमरे की छत गिर रही होती है। बाथरूम भी साफ नहीं होते, बे-डशीट गंदी होती है। यह सब देखकर मुझे हमेशा बुरा लगता था। ऐसी परिस्थितियों का सामना करने के बाद उन्होंने एक्टिंग छोड़ने का फैसला लिया था। यहां तक की उन्होंने अपना CINTAA कार्ड भी कैंसिल करवा दिया था।