अब राजपूत संगठनों के लिए ये फिल्म मात्र एक फिल्म नहीं बल्कि उनकी शान का प्रतीक बन गई है। इसी के चलते सर्व समाज संघर्ष समिति ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी है। इसमें कहा गया है कि पद्मावत की रिलीज रोकने के लिए अध्यादेश लाया जाए। अध्यादेश के जरिए रानी पद्मिनी के सम्मान को बचाने और हिंदू सभ्यता को बरकरार रखने का हवाला दिया है।
श्री राजपूत सभा के प्रमुख गिरिराज सिंह लोटवारा ने कहा कि,’ मैंने पीएम और सीएम से फिल्म पर रोक लगाने के लिए अध्यादेश की मांग की है। फिल्म के जरिए हमारी भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। राजपूत नेताओं ने धमकी देते हुए कहा कि अगर 24 घंटे में अध्यादेश नहीं लाया गया तो हालात और भी खराब हो सकते हैं। राज्य सरकार को अब सुप्रीम कोर्ट के पास जाने की जरूरत नहीं है। अब भी हम किसी भी वक्त फिल्म को रोक सकते हैं।
वहीं राजस्थान के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया सुप्रीम कोर्ट के मंगलवार को आए फैसले के बाद थोड़े नरम दिखे। उन्होंने कहा कि, ‘SC ने हमारी पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है। अब मैं और मेरी टीम के पास राज्य में कानून-व्यवस्था बनाने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं है।’
कहा जा सकता है कि राजस्थान में अभी भी फिल्म रिलीज पर विरोध जारी है। ऐसे में अब इस राज्य में फिल्म रिलीज होगी या नहीं ये बड़ा सवाल बन गया है।